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UP: मां नहीं बन सकती है सुनीता, इसलिए बच्ची का किया अपहरण...उसके इरादे जानकर पुलिस भी हैरान
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 14 Nov 2025 12:13 PM IST
सार
बांझपन के दर्द ने सुनीता को बच्ची का अपहरण करने पर मजबूर कर दिया। सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बाद पुलिस पहचान करते हुए सुनाती तक पहुंच गई।
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शिशु (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : freepik.com
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विस्तार
पुलिस की पांच टीमों ने कई दिन की मेहनत के बाद अपहृत बच्ची को ढूंढ निकाला। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई महिला की पहचान करके पुलिस अपहर्ता महिला तक पहुंच गई। पुलिस ने उसके साथ रहने वाले युवक को भी गिरफ्तार कर लिया। अपहर्ता महिला बच्ची को लालन-पालन करने के लिए ले गई थी। उधर, थाने पर बच्ची मां को देखते ही उससे लिपट गई।
वृंदावन में प्रेम मंदिर के निकट झोपड़ी डालकर अपने तीन बच्चों के साथ रह रही गुड्डी की एक साल की बेटी को पांच नवंबर की रात को अगवा कर लिया गया था। पुलिस ने कई दिनों तलाश करने के बाद 9 नवंबर को अपहरण की एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों में कैद होने के बाद अपहर्ता महिला की जानकारी मिल गई। वह फरह के गांव बलरई निवासी अनमोल नामक व्यक्ति के साथ रह रही थी। अनमोल से उसकी शादी नहीं हुई है। महिला ने अपना नाम सुनीता बताया। उसने पुलिस को बताया कि कई साल बाद भी उसके कोई संतान नहीं थी। सुनीता को मां बनने की चाहत थी। अनमोल उसे बांझ कहकर ताने देता था। इस पर सुनीता ने सोचा कि वह कहीं से भी बच्चे को लेकर आएगी। पांच नवंबर को वह अनमोल से बच्चे को लेकर झगड़ने के बाद वृंदावन आ गई। वहां उसे बच्ची सोती हुई दिखाई तो वह रात को बच्ची को उठाकर ले गई।
पहले दिल्ली ले गई फिर कोसी में जा छिपी
पूछताछ में सामने आया कि सुनीता वृंदावन से बच्चे को लेकर दिल्ली गई और फिर अगले ही दिन कोसीकलां में जा छिपी। जब अनमोल से संपर्क हुआ तो उसने कहा कि वह अब बच्ची लेकर ही आ रही है। फिर वह रिफाइनरी पहुंच गई। वहां किराए के जिस मकान में रह रहे थे, वहां ही बच्ची को रख लिया, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई और उसके दबोच लिया।
एफआईआर के बाद पुलिस ने दिन रात एक किए
बच्ची के अपहरण के बाद एसएसपी श्लोक कुमार ने थाना पुलिस के साथ सर्विलांस सेल को बच्ची को बरामद करने का टास्क दिया था। कुल पांच टीमें बच्ची को बरामद करने में जुट गईं। 200 से अधिक कैमरों को खंगाला गया। कुछ कैमरों में अपहर्ता कैद हो गई। फुटेज के आधार पर पुलिस आगे बढ़ती और बच्ची को बरामद कर लिया।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लगा रही थी चक्कर
सुनीता ने बच्ची को अपना बनाने के लिए कई प्रयास किए। उसने तहसील से एफिडेविट बनवाया और फिर उसने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया। कई अस्पतालों में संपर्क किया लेकिन उसकी दाल नहीं गली। लेकिन महिला के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बारे में जानकारी पुलिस के एक मुखबिर को हो गई। उसने पुलिस को जानकारी दे दी।
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वृंदावन में प्रेम मंदिर के निकट झोपड़ी डालकर अपने तीन बच्चों के साथ रह रही गुड्डी की एक साल की बेटी को पांच नवंबर की रात को अगवा कर लिया गया था। पुलिस ने कई दिनों तलाश करने के बाद 9 नवंबर को अपहरण की एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों में कैद होने के बाद अपहर्ता महिला की जानकारी मिल गई। वह फरह के गांव बलरई निवासी अनमोल नामक व्यक्ति के साथ रह रही थी। अनमोल से उसकी शादी नहीं हुई है। महिला ने अपना नाम सुनीता बताया। उसने पुलिस को बताया कि कई साल बाद भी उसके कोई संतान नहीं थी। सुनीता को मां बनने की चाहत थी। अनमोल उसे बांझ कहकर ताने देता था। इस पर सुनीता ने सोचा कि वह कहीं से भी बच्चे को लेकर आएगी। पांच नवंबर को वह अनमोल से बच्चे को लेकर झगड़ने के बाद वृंदावन आ गई। वहां उसे बच्ची सोती हुई दिखाई तो वह रात को बच्ची को उठाकर ले गई।
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पहले दिल्ली ले गई फिर कोसी में जा छिपी
पूछताछ में सामने आया कि सुनीता वृंदावन से बच्चे को लेकर दिल्ली गई और फिर अगले ही दिन कोसीकलां में जा छिपी। जब अनमोल से संपर्क हुआ तो उसने कहा कि वह अब बच्ची लेकर ही आ रही है। फिर वह रिफाइनरी पहुंच गई। वहां किराए के जिस मकान में रह रहे थे, वहां ही बच्ची को रख लिया, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई और उसके दबोच लिया।
एफआईआर के बाद पुलिस ने दिन रात एक किए
बच्ची के अपहरण के बाद एसएसपी श्लोक कुमार ने थाना पुलिस के साथ सर्विलांस सेल को बच्ची को बरामद करने का टास्क दिया था। कुल पांच टीमें बच्ची को बरामद करने में जुट गईं। 200 से अधिक कैमरों को खंगाला गया। कुछ कैमरों में अपहर्ता कैद हो गई। फुटेज के आधार पर पुलिस आगे बढ़ती और बच्ची को बरामद कर लिया।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लगा रही थी चक्कर
सुनीता ने बच्ची को अपना बनाने के लिए कई प्रयास किए। उसने तहसील से एफिडेविट बनवाया और फिर उसने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया। कई अस्पतालों में संपर्क किया लेकिन उसकी दाल नहीं गली। लेकिन महिला के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बारे में जानकारी पुलिस के एक मुखबिर को हो गई। उसने पुलिस को जानकारी दे दी।