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UP: बेशकीमती जमीन के मामले में फंसे अधिकारी, तहसीलदार और लेखपाल समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Wed, 12 Nov 2025 09:58 PM IST
सार
अधिकारियों के सुनवाई नहीं करने पर पीड़ित ने सीजेएम कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सदर थाना प्रभारी निरीक्षक को लेखपाल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मथुरा के थाना फरह के गांव मीरपुर के किसानों की कीमती जमीन को लेखपाल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार द्वारा खरीदारों के नाम खतौनी में दर्ज कर दिया। सीजेएम ने इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ थाना प्रभारी निरीक्षक सदर बाजार को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
थाना फरह के मौजा मीरपुर गांव के रहने वाले गोवर्धन दास ने सीजेएम के यहां दायर याचिका में कहा कि उसके परिवार की खेती की कीमती जमीन है। यह आबादी से लगी हुई है। इन खातों के कुल रकबा में उसकी मां और पिता इस जमीन में से 1/3 के हिस्सेदार थे। मां के निधन के बाद जमीन गोवर्धनदास और उसके भाइयों के नाम आ गई। परिजन ने अपने-अपने खाते के संपूर्ण भाग को गौरव, विधी चंद, नहनी व अनीता को बेच दिया।
इसके साथ क्रेताओं के नाम चढ़ चुके थे। लेखपाल रामनरेश यादव ने षड़यंत्र करके सारे विक्रेताओं के नाम की प्रविष्टि दोबारा कर दी। लेखपाल कीमती जमीन को विपक्षियों के नाम चढ़ा कर उसे हानि पहुंचा रहा है। इस मामले में तहसीलदार सदर को प्रार्थना पत्र दिया।
नायब तहसीलदार ने उसे फटकार कर भगा दिया। 27 फरवरी 2025 को एसएसपी को रजिस्ट्री की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने सीजेएम कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सदर थाना प्रभारी निरीक्षक को लेखपाल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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थाना फरह के मौजा मीरपुर गांव के रहने वाले गोवर्धन दास ने सीजेएम के यहां दायर याचिका में कहा कि उसके परिवार की खेती की कीमती जमीन है। यह आबादी से लगी हुई है। इन खातों के कुल रकबा में उसकी मां और पिता इस जमीन में से 1/3 के हिस्सेदार थे। मां के निधन के बाद जमीन गोवर्धनदास और उसके भाइयों के नाम आ गई। परिजन ने अपने-अपने खाते के संपूर्ण भाग को गौरव, विधी चंद, नहनी व अनीता को बेच दिया।
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इसके साथ क्रेताओं के नाम चढ़ चुके थे। लेखपाल रामनरेश यादव ने षड़यंत्र करके सारे विक्रेताओं के नाम की प्रविष्टि दोबारा कर दी। लेखपाल कीमती जमीन को विपक्षियों के नाम चढ़ा कर उसे हानि पहुंचा रहा है। इस मामले में तहसीलदार सदर को प्रार्थना पत्र दिया।
नायब तहसीलदार ने उसे फटकार कर भगा दिया। 27 फरवरी 2025 को एसएसपी को रजिस्ट्री की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने सीजेएम कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सदर थाना प्रभारी निरीक्षक को लेखपाल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।