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लगी फटकार: कूड़ा निस्तारण में लापरवाही पर एनजीटी नाराज, मेरठ निगम से मांगी विस्तृत आख्या

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: डिंपल सिरोही Updated Fri, 14 Nov 2025 10:54 AM IST
सार

मेरठ में कूड़ा निस्तारण न होने पर एनजीटी ने फिर नाराजगी जताई। नगर निगम ने 189 पेज का शपथ पत्र दाखिल कर छह सप्ताह में सुधार का वादा किया। शिकायतकर्ता ने लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड में लगातार कचरा डाले जाने का आरोप लगाया।

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NGT expresses displeasure over Meerut Nagar Nigam for failing waste disposal, seeks detailed report in six wee
कूड़े का पहाड़ - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मेरठ शहर में कूड़ा निस्तारण की धीमी प्रगति को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक बार फिर नाराजगी जताई है। बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई में नगर निगम की ओर से 189 पन्नों का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें आने वाले छह सप्ताह में ठोस कचरे के निस्तारण में सुधार का आश्वासन दिया गया है।

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नगर निगम की इस रिपोर्ट पर न्यायालय ने असंतोष जताया। शिकायतकर्ता लोकेंद्र खुराना की ओर से यह मुद्दा उठाया गया कि लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड में अब भी नियमित रूप से कचरा डाला जा रहा है, जबकि यह क्षेत्र पहले से ही अत्यधिक प्रदूषित घोषित है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने एनजीटी को बताया कि हालात में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा है और जमीन पर काम बेहद धीमा है।

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सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त वर्चुअली और अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये के अर्थदंड के मुद्दे पर डीएम डॉ. वी.के. सिंह की ओर से जानकारी दी गई कि इसे लगाने वाले अधिकारी ने ही फिलहाल स्थगित कर दिया है।

एनजीटी ने साफ चेतावनी दी कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कड़े आदेश जारी किए जाएंगे। अदालत का रुख देखते हुए नगर निगम ने कहा है कि अगले छह सप्ताह में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए जाएंगे और लोहियानगर पर निर्भरता कम की जाएगी।

शहर में बढ़ते प्रदूषण, खुले में डंपिंग और कचरे के पहाड़ को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। एनजीटी की निगरानी में अब निगम पर दबाव बढ़ गया है कि वह समयसीमा के भीतर वास्तविक और नजर आने वाले सुधार करे।

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