बुधवार को एकाएक मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह से ही आसमान में बादलों की उमड़-घुमड़ शुरू हो गई। दोपहर में बूंदाबांदी शुरू हुई तो खेतों में गेहूं की फसलों की कटाई कर रहे किसान परेशान हो उठे। दिनभर फसलों को सुरक्षित करने में खेत से खलिहान तक आपाधापी का माहौल रहा। हालांकि शाम होने के बाद मौसम साफ हो गया। इससे किसानों ने राहत की सांस ली।
15 मार्च के बाद मौसम का मिजाज तल्ख होने लगा था। तापमान में भी तेजी से इजाफा हुआ। मार्च के अंतिम चरण में तापमान 35 के पार पहुंच गया। अप्रैल महीने की शुरुआत से तेज धूप के बीच पश्चिमी हवाएं भी चलने लगीं। इससे गेहूं की फसलें तैयार हो गईं। किसान अपने-अपने खेतों की कटाई में जुटे हैं। बुधवार को एकाएक मौसम का मिजाज बदलने उनकी परेशानी बढ़ गई। सुबह लोगों की आंखों खुली तो आसमान में बादलों की उमड़-घुमड़ शुरू थी। यह देख किसान परेशान हो उठे।
इधर, दोपहर में बूंदाबांदी होने लगी तो किसानों में अफरातफरी मच गई। क्षेत्र के रानीगंज, गौरा, सुंवसा, गाजी का बाग, जामताली, बीरापुर आदि इलाकों में खेत से खलिहान तक किसान फसलों को सुरक्षित करने में जुटे रहे। यही हाल सदर क्षेत्र के संडवाचंद्रिका, गड़वारा, पृथ्वीगंज क्षेत्र के कई गांवों में रहा। हालांकि थोड़ी देर के बाद बूंदाबांदी ठप हो गई। पश्चिमी हवाएं बलवती हुईं तो आसमान में जमे बादल छट गए। इससे किसानों ने राहत की संास ली। किसानों का कहना है कि तेज हवाओं के बीच बारिश हुई तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
बुधवार को दिनभर आसमान बादलों की उमड़-घुमड़ व बूंदाबांदी के बाद भी गर्मी का असर बरकरार रहा। तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दिनभर घरों में पंखे व कूलर फर्राटा भरते रहे। मौसम विभाग के वैज्ञानिक देशराज मीना ने बताया कि पुरवा हवाओं की दखल से मौसम का मिजाज बदला है। अधिकतम तापमान में 35.1 व न्यूनतम 16.6 डिग्री सेल्सिएस रिकार्ड किया गया।
बुधवार को एकाएक मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह से ही आसमान में बादलों की उमड़-घुमड़ शुरू हो गई। दोपहर में बूंदाबांदी शुरू हुई तो खेतों में गेहूं की फसलों की कटाई कर रहे किसान परेशान हो उठे। दिनभर फसलों को सुरक्षित करने में खेत से खलिहान तक आपाधापी का माहौल रहा। हालांकि शाम होने के बाद मौसम साफ हो गया। इससे किसानों ने राहत की सांस ली।
15 मार्च के बाद मौसम का मिजाज तल्ख होने लगा था। तापमान में भी तेजी से इजाफा हुआ। मार्च के अंतिम चरण में तापमान 35 के पार पहुंच गया। अप्रैल महीने की शुरुआत से तेज धूप के बीच पश्चिमी हवाएं भी चलने लगीं। इससे गेहूं की फसलें तैयार हो गईं। किसान अपने-अपने खेतों की कटाई में जुटे हैं। बुधवार को एकाएक मौसम का मिजाज बदलने उनकी परेशानी बढ़ गई। सुबह लोगों की आंखों खुली तो आसमान में बादलों की उमड़-घुमड़ शुरू थी। यह देख किसान परेशान हो उठे।
इधर, दोपहर में बूंदाबांदी होने लगी तो किसानों में अफरातफरी मच गई। क्षेत्र के रानीगंज, गौरा, सुंवसा, गाजी का बाग, जामताली, बीरापुर आदि इलाकों में खेत से खलिहान तक किसान फसलों को सुरक्षित करने में जुटे रहे। यही हाल सदर क्षेत्र के संडवाचंद्रिका, गड़वारा, पृथ्वीगंज क्षेत्र के कई गांवों में रहा। हालांकि थोड़ी देर के बाद बूंदाबांदी ठप हो गई। पश्चिमी हवाएं बलवती हुईं तो आसमान में जमे बादल छट गए। इससे किसानों ने राहत की संास ली। किसानों का कहना है कि तेज हवाओं के बीच बारिश हुई तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
बुधवार को दिनभर आसमान बादलों की उमड़-घुमड़ व बूंदाबांदी के बाद भी गर्मी का असर बरकरार रहा। तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दिनभर घरों में पंखे व कूलर फर्राटा भरते रहे। मौसम विभाग के वैज्ञानिक देशराज मीना ने बताया कि पुरवा हवाओं की दखल से मौसम का मिजाज बदला है। अधिकतम तापमान में 35.1 व न्यूनतम 16.6 डिग्री सेल्सिएस रिकार्ड किया गया।