{"_id":"6913900ce2f49d6cf20fc684","slug":"plastic-glasses-and-plates-worth-rs-25-lakh-seized-raebareli-news-c-101-1-slko1031-144647-2025-11-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Raebareli News: ढाई लाख के प्लास्टिक के गिलास और प्लेट जब्त","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Raebareli News: ढाई लाख के प्लास्टिक के गिलास और प्लेट जब्त
विज्ञापन
विज्ञापन
रायबरेली। नगर पालिका ने प्रतिबंधित प्लास्टिक के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्ती शुरू की है। मंगलवार को करीब एक क्विंटल प्लास्टिक के गिलास व प्लेट जब्त किए गए। साथ ही दुकानदार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जब्त किए गए सामान की कीमत करीब ढाई लाख रुपये बताई जा रही है। खास बात यह है कि राज्यकर विभाग (जीएसटी) ने बीते 29 अक्तूबर को चेकिंग के दौरान ट्रक भरे सामान को पकड़ा था। 13 दिन बाद सोमवार को इसे नगर पालिका के सुपुर्द किया।
ऐसे में जीएसटी अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि मामले में कार्रवाई में देरी क्यों की गई। उसी समय इसे पालिका के सुपुर्द क्यों नहीं किया गया। इतने दिन बाद प्रकरण में हुई कार्रवाई से जीएसटी के अफसर सवालों के घेरे में आ गए हैं।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) स्वर्ण सिंह ने बताया कि जीएसटी ने करीब 200 गत्ते सौंपे थे। इन गत्तों में प्रतिबंधित प्लॉस्टिक के गिलास व प्लेट थीं, जिन्हें जब्त किया गया है। दुकानदार जितिन जायसवाल पर जुर्माना लगाया गया है। सभी दुकानदारों को प्रतिबंधित प्लास्टिक बिक्री न करने की हिदायत दी गई है। चेतावनी दी गई है कि दोबारा कार्रवाई के दौरान सामग्री मिली तो फिर जुर्माना किया जाएगा।
कर निर्धारण अधिकारी ललितेश कुमार सक्सेना ने बताया कि बरामद किए गए सामान को नष्ट कराया जाएगा। उधर, सहायक कर आयुक्त (प्रवर्तन) सलोनी भारद्वाज ने बताया कि प्रतिबंधित प्लास्टिक के गिलास व प्लेट बरामद करके नगर पालिका के सुपुर्द किया गया है। ट्रक भरे सामान को बरामद करने के 13वें दिन नगर पालिका के सुपुर्द किए जाने के सवाल पर कहा कि मेरे विभाग से कुछ लेना देना नहीं है।
रो पड़ा दुकानदार, बोला मेरे साथ अफसरों ने किया अन्याय
जलकल परिसर में मौजूद दुकानदार जितिन जायसवाल रो पड़े। बोले उनके साथ जीएसटी अफसरों ने अन्याय किया है। बताया कि बीते 29 अक्तूबर को बाहर से ट्रक से सामान मंगाया था। सहायक कर आयुक्त (प्रवर्तन) सलोनी भारद्वाज ने बताया कि ट्रक समेत भरे सामान को पकड़ा था। जो सामान सही था, उसे भी वापस नहीं किया गया। कोरोना के समय से ऋण लेकर कार्य कर रहे हैं। किस्त भी देनी है। सरकार कहती है कि व्यापार करो। इस स्थिति मेंं कैसे व्यापार कर पाएंगे। उनका सामान भी जब्त कर लिया गया। ट्रांसपोर्टर को भी रुपये देने हैं। यही स्थिति रही तो व्यापार ठप करना पड़ेगा। जीएसटी के अफसर छापामारी के नाम पर दुकानदारों का शोषण कर रहे हैं।
Trending Videos
ऐसे में जीएसटी अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि मामले में कार्रवाई में देरी क्यों की गई। उसी समय इसे पालिका के सुपुर्द क्यों नहीं किया गया। इतने दिन बाद प्रकरण में हुई कार्रवाई से जीएसटी के अफसर सवालों के घेरे में आ गए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) स्वर्ण सिंह ने बताया कि जीएसटी ने करीब 200 गत्ते सौंपे थे। इन गत्तों में प्रतिबंधित प्लॉस्टिक के गिलास व प्लेट थीं, जिन्हें जब्त किया गया है। दुकानदार जितिन जायसवाल पर जुर्माना लगाया गया है। सभी दुकानदारों को प्रतिबंधित प्लास्टिक बिक्री न करने की हिदायत दी गई है। चेतावनी दी गई है कि दोबारा कार्रवाई के दौरान सामग्री मिली तो फिर जुर्माना किया जाएगा।
कर निर्धारण अधिकारी ललितेश कुमार सक्सेना ने बताया कि बरामद किए गए सामान को नष्ट कराया जाएगा। उधर, सहायक कर आयुक्त (प्रवर्तन) सलोनी भारद्वाज ने बताया कि प्रतिबंधित प्लास्टिक के गिलास व प्लेट बरामद करके नगर पालिका के सुपुर्द किया गया है। ट्रक भरे सामान को बरामद करने के 13वें दिन नगर पालिका के सुपुर्द किए जाने के सवाल पर कहा कि मेरे विभाग से कुछ लेना देना नहीं है।
रो पड़ा दुकानदार, बोला मेरे साथ अफसरों ने किया अन्याय
जलकल परिसर में मौजूद दुकानदार जितिन जायसवाल रो पड़े। बोले उनके साथ जीएसटी अफसरों ने अन्याय किया है। बताया कि बीते 29 अक्तूबर को बाहर से ट्रक से सामान मंगाया था। सहायक कर आयुक्त (प्रवर्तन) सलोनी भारद्वाज ने बताया कि ट्रक समेत भरे सामान को पकड़ा था। जो सामान सही था, उसे भी वापस नहीं किया गया। कोरोना के समय से ऋण लेकर कार्य कर रहे हैं। किस्त भी देनी है। सरकार कहती है कि व्यापार करो। इस स्थिति मेंं कैसे व्यापार कर पाएंगे। उनका सामान भी जब्त कर लिया गया। ट्रांसपोर्टर को भी रुपये देने हैं। यही स्थिति रही तो व्यापार ठप करना पड़ेगा। जीएसटी के अफसर छापामारी के नाम पर दुकानदारों का शोषण कर रहे हैं।