रामपुर में भोट क्षेत्र के गांव बांसनगली में एक बैनर चर्चा का विषय बन गया है। बैनर पर लिखा हुआ है कि बांसनगली गांव में भाजपा के किसी भी नेता का प्रवेश वर्जित है। ये बैनर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
गांव में एक मामले को लेकर ग्रामीण भाजपा नेताओं से नाराज हैं। बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद राजस्व विभाग के अमीन मंदिर के पास बनी दीवार को गिराने के लिए गए थे। इसी बात को लेकर ग्रामीणों और अमीन के बीच नोकझोंक हो गई थी। साथ ही मारपीट भी हो गई थी। जिसमें अमीन को बुरी तरह चोटें आईं थीं। बाद में एसडीएम सदर ने खुद मौके पर जाकर दीवार तुड़वाई थी।
साथ ही अमीन को पीटने के मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रकरण में ग्रामीणों ने भाजपा नेताओं से हस्तक्षेप कर साथ देने की उम्मीद जताई थी, लेकिन कोर्ट का मामला होने की वजह से ग्रामीणों को भाजपा नेताओं का साथ नहीं मिला। जिससे ग्रामीण नाराज हैं।
अब जब लोकसभा उप-चुनाव आया है तो ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जता दी है। ग्रामीणों ने गांव के बाहर बैनर लगाया है कि गांव में किसी भी भाजपा नेता का प्रवेश वर्जित है। हालांकि ग्रामीणों की नाराजगी भाजपा प्रत्याशी को लेकर नहीं है। उनकी मानें तो भाजपा संगठन से वह नाराज हैं।
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रामपुर में भोट क्षेत्र के गांव बांसनगली में एक बैनर चर्चा का विषय बन गया है। बैनर पर लिखा हुआ है कि बांसनगली गांव में भाजपा के किसी भी नेता का प्रवेश वर्जित है। ये बैनर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
गांव में एक मामले को लेकर ग्रामीण भाजपा नेताओं से नाराज हैं। बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद राजस्व विभाग के अमीन मंदिर के पास बनी दीवार को गिराने के लिए गए थे। इसी बात को लेकर ग्रामीणों और अमीन के बीच नोकझोंक हो गई थी। साथ ही मारपीट भी हो गई थी। जिसमें अमीन को बुरी तरह चोटें आईं थीं। बाद में एसडीएम सदर ने खुद मौके पर जाकर दीवार तुड़वाई थी।