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Saharanpur: कफ सिरप की तस्करी कर दो भाइयों ने कमा लिए 200 करोड़, एसटीएफ ने पकड़ा तो किया चौंकाने वाला खुलासा
अमर उजाला नेटवर्क, सहारनपुर
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Wed, 12 Nov 2025 08:57 PM IST
सार
लखनऊ एसटीएफ ने छापा मारकर दो भाई विभोर राणा और विशाल सिंह समेत चार को पकड़ लिया। इनके कब्जे से दो पिस्टल और 10 कारतूस बरामद किए। इसके अलावा चार मोबाइल और भारी मात्रा में दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
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कफ सिरप कांड।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने छापा मारकर फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। फेंसेडिल कफ सिरप और कोडीनयुक्त अन्य नशीली दवाओं की अवैध तस्करी में लिप्त दो सगे भाई सहित चार आरोपियों को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो पिस्टल, दस कारतूस, चार मोबाइल और भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद हुए हैं।
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एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि फेंसेडिल कफ सिरप को नशे के रूप में प्रयोग करने के लिए इसका अवैध भंडारण और व्यापार किया जा रहा है। इस दवा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश तक तस्करी किया जा रहा है।
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जांच में सामने आया कि विभोर राणा और विशाल सिंह ने वर्ष 2018 में अपनी फर्म जीआर ट्रेडिंग के नाम पर एबॉट कंपनी से सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ली थी। बाद में फर्जी फर्में बनवाकर फेंसेडिल सिरप को असली रिटेलर्स को देने के बजाय नशे के कारोबारियों को ऊंचे दामों में बेचा जाता था।
इसी कड़ी में एसटीएफ ने मंगलवार को सहारनपुर में छापा मारा था। बिट्टू और सचिन को थाना सदर बाजार में कचहरी रोड, विभोर राणा व विशाल सिंह को शास्त्रीनगर में एक निजी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी शास्त्री नगर, अनमोल विहार के रहने वाले हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि इस अवैध धंधे से अब तक करीब 200 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है। विभोर राणा पहले भी वर्ष 2022 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) वेस्ट बंगाल द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि उन्होंने एबॉट कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से दवा की आपूर्ति कराई। सभी आरोपियों को एसटीएफ लखनऊ लेकर पहुंच गई। इनके खिलाफ थाना सुशांत गोल्फ सिटी में मुकदमा दर्ज किया गया। विभोर राणा और विशाल सिंह दोनों सगे भाई हैं।
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