शाहजहांपुर। पेराई सत्र 2021-22 अंतिम दौर में होने के साथ ही जिले की चीनी मिलें अब बंदी की ओर बढ़ रही हैं। सहकारी क्षेत्र की पुवायां चीनी मिल और बजाज ग्रुप की मकसूदापुर मिल अपने क्षेत्र का गन्ना पेरने के बाद बंद हो चुकी हैं, जबकि शेष तीनों मिलों में पेराई जारी है। खास यह है कि डालमिया ग्रुप की निगोही स्थित चीनी मिल इस बार 1.30 करोड़ क्विंटल से ज्यादा गन्ना पेरकर मिल स्थापना के बाद से पेराई का नया कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है, जबकि मिल गेट पर गन्ना की आवक अभी जारी है।
पेराई सत्र 2020-21 में मकसूदापुर मिल ने 66.01 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था, लेकिन इस वर्ष यह मिल 58.26 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर गत पांच मार्च को बंद हो चुकी है। इसी तरह सहकारी क्षेत्र की पुवायां चीनी मिल ने पिछले वर्ष 26.29 लाख क्विंटल गन्ना पेरा, लेकिन इस वर्ष तकनीकी खराबियों के अलावा गन्ना की आवक कम होने से यह मिल सिर्फ 25.35 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर बीती दो अप्रैल को बंद हो चुकी है। बिड़ला ग्रुप की अवध शुगर वर्क्स (रोजा चीनी मिल) ने पिछले वर्ष 72.92 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था। यह मिल इस वर्ष 66.19 लाख क्विंटल गन्ना पेर चुकी है और मिल को अभी कुछ दिन और गन्ना मिलेगा।
तिलहर सहकारी मिल 29.89 लाख क्विंटल गन्ना पेरने के बावजूद अभी चालू है, लेकिन इसमें संदेह है कि यह मिल गत वर्ष 34.40 लाख क्विंटल पेराई का आंकड़ा छू सकेगी। इसके विपरीत डालमियां ग्रुप की निगोही मिल लगातार गन्ना पेराई कर नया कीर्तिमान बनाने की ओर बढ़ रही है। इस मिल ने गत वर्ष सर्वाधिक 129.94 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था और इस वर्ष अब तक 129.72 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर 29.14 लाख क्विंटल चीनी बना चुकी है। जिला गन्ना अधिकारी डॉ. खुशीराम भार्गव भी मानते हैं कि निगोही मिल क्षेत्र में अभी दस लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खेतों में खड़ा है। उन्होंने कहा कि निगोही मिल अपने क्षेत्र का संपूर्ण गन्ना पेरने के बाद ही बंद होंगी।
शाहजहांपुर। पेराई सत्र 2021-22 अंतिम दौर में होने के साथ ही जिले की चीनी मिलें अब बंदी की ओर बढ़ रही हैं। सहकारी क्षेत्र की पुवायां चीनी मिल और बजाज ग्रुप की मकसूदापुर मिल अपने क्षेत्र का गन्ना पेरने के बाद बंद हो चुकी हैं, जबकि शेष तीनों मिलों में पेराई जारी है। खास यह है कि डालमिया ग्रुप की निगोही स्थित चीनी मिल इस बार 1.30 करोड़ क्विंटल से ज्यादा गन्ना पेरकर मिल स्थापना के बाद से पेराई का नया कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है, जबकि मिल गेट पर गन्ना की आवक अभी जारी है।
पेराई सत्र 2020-21 में मकसूदापुर मिल ने 66.01 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था, लेकिन इस वर्ष यह मिल 58.26 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर गत पांच मार्च को बंद हो चुकी है। इसी तरह सहकारी क्षेत्र की पुवायां चीनी मिल ने पिछले वर्ष 26.29 लाख क्विंटल गन्ना पेरा, लेकिन इस वर्ष तकनीकी खराबियों के अलावा गन्ना की आवक कम होने से यह मिल सिर्फ 25.35 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर बीती दो अप्रैल को बंद हो चुकी है। बिड़ला ग्रुप की अवध शुगर वर्क्स (रोजा चीनी मिल) ने पिछले वर्ष 72.92 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था। यह मिल इस वर्ष 66.19 लाख क्विंटल गन्ना पेर चुकी है और मिल को अभी कुछ दिन और गन्ना मिलेगा।
तिलहर सहकारी मिल 29.89 लाख क्विंटल गन्ना पेरने के बावजूद अभी चालू है, लेकिन इसमें संदेह है कि यह मिल गत वर्ष 34.40 लाख क्विंटल पेराई का आंकड़ा छू सकेगी। इसके विपरीत डालमियां ग्रुप की निगोही मिल लगातार गन्ना पेराई कर नया कीर्तिमान बनाने की ओर बढ़ रही है। इस मिल ने गत वर्ष सर्वाधिक 129.94 लाख क्विंटल गन्ना पेरा था और इस वर्ष अब तक 129.72 लाख क्विंटल गन्ना पेरकर 29.14 लाख क्विंटल चीनी बना चुकी है। जिला गन्ना अधिकारी डॉ. खुशीराम भार्गव भी मानते हैं कि निगोही मिल क्षेत्र में अभी दस लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खेतों में खड़ा है। उन्होंने कहा कि निगोही मिल अपने क्षेत्र का संपूर्ण गन्ना पेरने के बाद ही बंद होंगी।