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Shamli News: एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक पर 31,717 रुपये जुर्माना लगाया
संवाद न्यूज एजेंसी, शामली
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:16 AM IST
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शामली। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शामली गोल्ड लोन पर गलत तरीके से पब्लिकेशन चार्ज की कटौती के मामले में सुनवाई की। आयोग ने बैंक पर 31,717 रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश सुनाया है। शहर के नेहरू मार्किट निवासी सचिन कुमार ने आयोग में 19 फरवरी 2021 को एक्सिस बैंक धीमानपुरा शामली के शाखा प्रबंधक के विरुद्ध परिवाद दायर कराया। परिवादी ने बताया कि उनका बचत खाता बैंक शाखा में संचालित है। परिवादी ने आवश्यकता पड़ने पर बैंक से 49.20 ग्राम सोना डिपॉजिट कर बैंक से 78 हजार रुपये का गोल्ड लोन लिया था।
गोल्ड लोन की अवधि जारी होने की तिथि 16 जुलाई 2019 से 12 माह तक थी। गोल्ड लोन प्राप्त करने के कुछ समय बाद सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन लगा दिया था,जिस कारण वह गोल्ड लोन वापस नहीं कर सका।
परिवादी के मुताबिक आरबीआई और भारत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी बैंकों को दो करोड़ से कम के लोन पर ब्याज या सर चार्ज न लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक द्वारा परिवादी के गोल्ड लोन पर लॉकडाउन अवधि में भी ब्याज व पेनल्टी 16 जुलाई 2020 को 10890 रुपये लगाया गया, जिससे लोन की राशि बढ़कर 88,980 रुपये हो गई।
बैंक ने 27 अगस्त 2020 को परिवादी के बचत खाते से 49,655 रुपये की कटौती गोल्ड लोन की बाबत की गई। इसके बाद परिवादी का गोल्ड लोन का 39,325 रुपये शेष रह गए। परिवादी का कहना है कि उसने अपने बचत खाते में 19 नवंबर 2020 को एक लाख रुपये जमा किए थे, जिससे बैंक अपने शेष गोल्ड लोन की रकम की कटौती कर सकता था, लेकिन बैंक ने उसके खाते से 20 नवंबर 2020 को 46,042 रुपये की कटौती गोल्ड लोन की बाबत की।
परिवादी ने बैंक से कटौती की बाबत संपर्क किया, तो बैंक ने बताया कि समय से गोल्ड लोन राशि का भुगतान न होने पर बैंक ने जमा किए गए गोल्ड की नीलामी के लिए विज्ञापन के लिए 19 नवंबर 2020 में 6,717 रुपये पब्लिकेशन चार्ज किए हैं। बैंक द्वारा किस समाचार पत्र में पब्लिकेशन किया गया, इसकी जानकारी नहीं दे सका। परिवादी का कहना है कि बैंक ने लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार व आरबीआई के दिशा निर्देशों की अवहेलना की और उनके गोल्ड लोन पर बिना कारण के पब्लिकेशन चार्ज अधिरोपित किया गया।
आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने इस मामले में बैंक को आदेशित किया कि वह प्रश्नगत धनराशि 6,717 रुपये कटौती के दिनांक से भुगतान की दिनांक तक छह प्रतिशत मय ब्याज की दर से परिवादी को भुगतान हेतु अदा करें। इसके साथ ही बैंक द्वारा किए गए अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए बैंक पर 25 हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया। अर्थदंड की धनराशि परिवादी को देय न होकर नियमानुसार राजकोष में जमा की जाएगी।
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गोल्ड लोन की अवधि जारी होने की तिथि 16 जुलाई 2019 से 12 माह तक थी। गोल्ड लोन प्राप्त करने के कुछ समय बाद सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन लगा दिया था,जिस कारण वह गोल्ड लोन वापस नहीं कर सका।
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परिवादी के मुताबिक आरबीआई और भारत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी बैंकों को दो करोड़ से कम के लोन पर ब्याज या सर चार्ज न लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक द्वारा परिवादी के गोल्ड लोन पर लॉकडाउन अवधि में भी ब्याज व पेनल्टी 16 जुलाई 2020 को 10890 रुपये लगाया गया, जिससे लोन की राशि बढ़कर 88,980 रुपये हो गई।
बैंक ने 27 अगस्त 2020 को परिवादी के बचत खाते से 49,655 रुपये की कटौती गोल्ड लोन की बाबत की गई। इसके बाद परिवादी का गोल्ड लोन का 39,325 रुपये शेष रह गए। परिवादी का कहना है कि उसने अपने बचत खाते में 19 नवंबर 2020 को एक लाख रुपये जमा किए थे, जिससे बैंक अपने शेष गोल्ड लोन की रकम की कटौती कर सकता था, लेकिन बैंक ने उसके खाते से 20 नवंबर 2020 को 46,042 रुपये की कटौती गोल्ड लोन की बाबत की।
परिवादी ने बैंक से कटौती की बाबत संपर्क किया, तो बैंक ने बताया कि समय से गोल्ड लोन राशि का भुगतान न होने पर बैंक ने जमा किए गए गोल्ड की नीलामी के लिए विज्ञापन के लिए 19 नवंबर 2020 में 6,717 रुपये पब्लिकेशन चार्ज किए हैं। बैंक द्वारा किस समाचार पत्र में पब्लिकेशन किया गया, इसकी जानकारी नहीं दे सका। परिवादी का कहना है कि बैंक ने लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार व आरबीआई के दिशा निर्देशों की अवहेलना की और उनके गोल्ड लोन पर बिना कारण के पब्लिकेशन चार्ज अधिरोपित किया गया।
आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने इस मामले में बैंक को आदेशित किया कि वह प्रश्नगत धनराशि 6,717 रुपये कटौती के दिनांक से भुगतान की दिनांक तक छह प्रतिशत मय ब्याज की दर से परिवादी को भुगतान हेतु अदा करें। इसके साथ ही बैंक द्वारा किए गए अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए बैंक पर 25 हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया। अर्थदंड की धनराशि परिवादी को देय न होकर नियमानुसार राजकोष में जमा की जाएगी।