शामली जनपद के कांधला में एक युवती के आधार कार्ड का नाम परिवर्तन के आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में डीएम ने नगर पालिका के लिपिक के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की है।
नगर में एक सप्ताह पूर्व मोहल्ला रायजादगान निवासी मुस्लिम युवक और सहारनपुर निवासी दलित युवती से निकाह करने का मामला प्रकाश में आया था। आरोप था कि युवक धर्म परिवर्तन कराकर उसके आधार कार्ड में नाम परिवर्तन कराने के लिए नगर पालिका परिषद में आवेदन पर हस्ताक्षर कराने के लिए गया था। नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों ने बिना जांच-पड़ताल किए फर्जी हस्ताक्षर कर युवक को आवेदन प्रमाणित कर सौंप दिया था।
यह भी पढ़ें: भाकियू कार्यकर्ता भड़के: 24 घंटे में दूसरी बार शिवाया टोल पर कब्जा, सभी लाइनें कराईं फ्री, जानें क्यों है इतना गुस्सा
मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदू-संगठनों के लोगों ने पुलिस को तहरीर देकर मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने पालिका अध्यक्ष सहित सभी अधिकारियों के बयान दर्ज किए। सभी ने आवेदन पर हस्ताक्षर किए जाने से मना कर दिया था। इसके चलते पुलिस ने नगर पालिका परिषद के लिपिक अकरम अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
यह भी पढ़ें: योगी सरकार के छह मंत्री: विभाग मिलते ही किए बड़े वादे, कोई दूसरी बार तो कोई पहली बार निभाएगा अहम जिम्मेदारी
वहीं अकरम अंसारी की गिरफ्तारी के पश्चात मामला 48 घंटे से अधिक बीतने पर भी नियमानुसार निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई थी। जिसके चलते डीएम शामली जसजीत कौर ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए मुख्य लिपिक अकरम अंसारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई कर दी। नगर पालिका परिषद के इस प्रकरण में डीएम की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर नगर पालिका परिषद में हड़कंप मच गया। अधिशासी अधिकारी का प्रभार संभाल रही निकिता शर्मा का कहना है कि प्रकरण में डीएम ने कार्रवाई करते हुए मुख्य लिपिक अकरम अंसारी को निलंबित किया गया है।
विस्तार
शामली जनपद के कांधला में एक युवती के आधार कार्ड का नाम परिवर्तन के आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में डीएम ने नगर पालिका के लिपिक के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की है।
नगर में एक सप्ताह पूर्व मोहल्ला रायजादगान निवासी मुस्लिम युवक और सहारनपुर निवासी दलित युवती से निकाह करने का मामला प्रकाश में आया था। आरोप था कि युवक धर्म परिवर्तन कराकर उसके आधार कार्ड में नाम परिवर्तन कराने के लिए नगर पालिका परिषद में आवेदन पर हस्ताक्षर कराने के लिए गया था। नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों ने बिना जांच-पड़ताल किए फर्जी हस्ताक्षर कर युवक को आवेदन प्रमाणित कर सौंप दिया था।
यह भी पढ़ें: भाकियू कार्यकर्ता भड़के: 24 घंटे में दूसरी बार शिवाया टोल पर कब्जा, सभी लाइनें कराईं फ्री, जानें क्यों है इतना गुस्सा
मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदू-संगठनों के लोगों ने पुलिस को तहरीर देकर मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने पालिका अध्यक्ष सहित सभी अधिकारियों के बयान दर्ज किए। सभी ने आवेदन पर हस्ताक्षर किए जाने से मना कर दिया था। इसके चलते पुलिस ने नगर पालिका परिषद के लिपिक अकरम अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
यह भी पढ़ें: योगी सरकार के छह मंत्री: विभाग मिलते ही किए बड़े वादे, कोई दूसरी बार तो कोई पहली बार निभाएगा अहम जिम्मेदारी
वहीं अकरम अंसारी की गिरफ्तारी के पश्चात मामला 48 घंटे से अधिक बीतने पर भी नियमानुसार निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई थी। जिसके चलते डीएम शामली जसजीत कौर ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए मुख्य लिपिक अकरम अंसारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई कर दी। नगर पालिका परिषद के इस प्रकरण में डीएम की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर नगर पालिका परिषद में हड़कंप मच गया। अधिशासी अधिकारी का प्रभार संभाल रही निकिता शर्मा का कहना है कि प्रकरण में डीएम ने कार्रवाई करते हुए मुख्य लिपिक अकरम अंसारी को निलंबित किया गया है।