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Siddharthnagar News: अधिवक्ताओं ने प्रमुख सचिव के विरोध में किया प्रदर्शन
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राज्य कर अधिवक्ताओं ने प्रमुख सचिव के खिलाफ जताया विरोध। संवाद
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: राज्यकर अधिवक्ताओं ने उपायुक्त राज्यकर के माध्यम से सीएम को भेजा पत्र
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। राज्यकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को प्रमुख सचिव राज्यकर एम. देवराज के निर्देशों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने निष्पक्ष न्याय अभियान के तहत शांति मार्च निकाल राज्यकर कार्यालय पहुंचकर उपायुक्त राज्यकर सिद्धार्थ सौरभ को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान प्रमुख सचिव के विरोध में नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का आरोप था कि प्रमुख सचिव ने वर्ष 2020-21 के जीएसटी अधिनियम के धारा 73 के आदेशों की अंतिम तारीख 28 फरवरी 2025 के स्थान पर 10 फरवरी 2025 तक निस्तारण किए जाने का तुगलकी फरमान जारी किया है। अधिकारियों पर जीएसटी वादों को फास्ट ट्रैक मोड (खटाखट) पर निपटाने का दबाव डाला जा रहा है, जिसमें उचित सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना निर्णय लेने की मांग की जा रही है। इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि अधिकारियों पर राजस्व के पक्ष में निर्णय देने का दबाव बनाया जा रहा है, जो न्यायिक निष्पक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन है।
यह प्रवृत्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है। संगठन का मानना है कि न्याय प्रक्रिया में जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण निर्णय न केवल व्यक्तिगत मामलों में अन्याय का कारण बन सकते हैं, बल्कि समग्र न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी कमजोर कर सकते हैं। संगठन इसका विरोध जारी रखेगा।
प्रदर्शन में टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री शांतनु कुमार दुबे, एचएन द्विवेदी, आरके सिंह, अनूप श्रीवास्तव, रिपुंजय सहाय, दीपक दुबे, विपिन त्रिपाठी, संदीप द्विवेदी व संजय यादव आदि शामिल रहे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। राज्यकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को प्रमुख सचिव राज्यकर एम. देवराज के निर्देशों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने निष्पक्ष न्याय अभियान के तहत शांति मार्च निकाल राज्यकर कार्यालय पहुंचकर उपायुक्त राज्यकर सिद्धार्थ सौरभ को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान प्रमुख सचिव के विरोध में नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का आरोप था कि प्रमुख सचिव ने वर्ष 2020-21 के जीएसटी अधिनियम के धारा 73 के आदेशों की अंतिम तारीख 28 फरवरी 2025 के स्थान पर 10 फरवरी 2025 तक निस्तारण किए जाने का तुगलकी फरमान जारी किया है। अधिकारियों पर जीएसटी वादों को फास्ट ट्रैक मोड (खटाखट) पर निपटाने का दबाव डाला जा रहा है, जिसमें उचित सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना निर्णय लेने की मांग की जा रही है। इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि अधिकारियों पर राजस्व के पक्ष में निर्णय देने का दबाव बनाया जा रहा है, जो न्यायिक निष्पक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन है।
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यह प्रवृत्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है। संगठन का मानना है कि न्याय प्रक्रिया में जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण निर्णय न केवल व्यक्तिगत मामलों में अन्याय का कारण बन सकते हैं, बल्कि समग्र न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी कमजोर कर सकते हैं। संगठन इसका विरोध जारी रखेगा।
प्रदर्शन में टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री शांतनु कुमार दुबे, एचएन द्विवेदी, आरके सिंह, अनूप श्रीवास्तव, रिपुंजय सहाय, दीपक दुबे, विपिन त्रिपाठी, संदीप द्विवेदी व संजय यादव आदि शामिल रहे।