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Siddharthnagar News: श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से पापों से मिलती है मुक्ति
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:44 PM IST
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खेसरहा। क्षेत्र के बेलौहा बाजार नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के पांचवें दिन बुधवार को कथा व्यास पं. रामचंद्र शुक्ल ने भागवत कथा के दिव्य महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा परम मंगलकारी ग्रंथ है, जिसके श्रवण मात्र से जीव को दैहिक, दैविक और भौतिक समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और आखिर में सद्गति की प्राप्ति होती है।
कथा व्यास ने कहा कि जिस मनुष्य का मन सच्चे भाव और श्रद्धा से भागवत कथा में रमता है, उसके सभी मनोविकार दूर हो जाते हैं और वह सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राजा परीक्षित ने जब यह जान लिया था कि उनकी मृत्यु सातवें दिन निश्चित है, तब उन्होंने उसी समय अपने शेष जीवन को श्रीहरि के चरणों में समर्पित कर दिया और श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मोक्ष प्राप्त किया। यही इस कथा का सार और कलियुग के मानव के लिए प्रेरणा है। कथा के दौरान अयोध्या धाम की कीर्तन मंडली की ओर से प्रस्तुत भजन और संकीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय और भावविभोर हो उठा। उपस्थित श्रद्धालु हरि नाम संकीर्तन में झूमते रहे और दिव्य प्रसंगों का आनंद लेते रहे। इस दौरान मुख्य यजमान बलिराम कसौधन, ध्रुव चंद्र उपाध्याय, मनोज कसौधन, कृष्णा कुमार आदि उपस्थित रहे।
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कथा व्यास ने कहा कि जिस मनुष्य का मन सच्चे भाव और श्रद्धा से भागवत कथा में रमता है, उसके सभी मनोविकार दूर हो जाते हैं और वह सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राजा परीक्षित ने जब यह जान लिया था कि उनकी मृत्यु सातवें दिन निश्चित है, तब उन्होंने उसी समय अपने शेष जीवन को श्रीहरि के चरणों में समर्पित कर दिया और श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मोक्ष प्राप्त किया। यही इस कथा का सार और कलियुग के मानव के लिए प्रेरणा है। कथा के दौरान अयोध्या धाम की कीर्तन मंडली की ओर से प्रस्तुत भजन और संकीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय और भावविभोर हो उठा। उपस्थित श्रद्धालु हरि नाम संकीर्तन में झूमते रहे और दिव्य प्रसंगों का आनंद लेते रहे। इस दौरान मुख्य यजमान बलिराम कसौधन, ध्रुव चंद्र उपाध्याय, मनोज कसौधन, कृष्णा कुमार आदि उपस्थित रहे।
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