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Siddharthnagar News: कालानमक के उत्पादन पर की गई चर्चा
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:41 PM IST
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- सतत आजीविका और स्थानीय उद्यमिता को लेकर आयोजित हुआ कार्यक्रम
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में काला नमक धान पर सतत आजीविका एवं स्थानीय उद्यमिता के अवसरों पर चर्चा व्याख्यान का आयोजन किया गया। दिलीप चौहान ने अपने व्याख्यान में विशेष रूप से काला नमक धान के उत्पादन, विपणन एवं मूल्य संवर्धन पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने बताया कि यह पारंपरिक धान न केवल पूर्वांचल की सांस्कृतिक पहचान है बल्कि यदि उचित विपणन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग रणनीतियां अपनाई जाएं तो यह क्षेत्रीय स्तर पर ग्रामीण उद्यमिता सतत आजीविका के नए आयाम खोल सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी वर्तमान में काला नमक चावल के संरक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार विस्तार की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने एमबीए विद्यार्थियों को अपनी कंपनी से प्रशिक्षण और प्रोजेक्ट कार्यों में जुड़ने का आमंत्रण भी दिया ताकि वे ग्रामीण उत्पादों के मूल्य शृंखला और विपणन व्यवहार को निकट से समझ सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सौरभ ने की। उन्होंने कहा कि काला नमक चावल जैसे स्थानीय उत्पाद क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं, यदि उनमें नवाचार, गुणवत्ता नियंत्रण एवं ब्रांड विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए। इस दौरान डॉ. दीपक जायसवाल, डॉ. कहकशां खान मौजूद रहीं।
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सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में काला नमक धान पर सतत आजीविका एवं स्थानीय उद्यमिता के अवसरों पर चर्चा व्याख्यान का आयोजन किया गया। दिलीप चौहान ने अपने व्याख्यान में विशेष रूप से काला नमक धान के उत्पादन, विपणन एवं मूल्य संवर्धन पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने बताया कि यह पारंपरिक धान न केवल पूर्वांचल की सांस्कृतिक पहचान है बल्कि यदि उचित विपणन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग रणनीतियां अपनाई जाएं तो यह क्षेत्रीय स्तर पर ग्रामीण उद्यमिता सतत आजीविका के नए आयाम खोल सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी वर्तमान में काला नमक चावल के संरक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार विस्तार की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने एमबीए विद्यार्थियों को अपनी कंपनी से प्रशिक्षण और प्रोजेक्ट कार्यों में जुड़ने का आमंत्रण भी दिया ताकि वे ग्रामीण उत्पादों के मूल्य शृंखला और विपणन व्यवहार को निकट से समझ सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सौरभ ने की। उन्होंने कहा कि काला नमक चावल जैसे स्थानीय उत्पाद क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं, यदि उनमें नवाचार, गुणवत्ता नियंत्रण एवं ब्रांड विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए। इस दौरान डॉ. दीपक जायसवाल, डॉ. कहकशां खान मौजूद रहीं।
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