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Siddharthnagar News: पुष्प वाटिका में राम और सीता का हुआ मिलन
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:46 PM IST
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भनवापुर क्षेत्र के चौखड़ा में श्रीरामलीला का मंचन करते कलाकार। संवाद
- फोटो : katra news
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- भनवापुर क्षेत्र के चौखड़ा में चल रही रामलीला का तीसरा दिन
भनवापुर। ब्लॉक क्षेत्र के चौखड़ा में आदर्श जय बजरंग राम मिला समिति के तत्वावधान में चल रहे ऐतिहासिक रामलीला कार्यक्रम में मंगलवार को रात में सीता विवाह का मंचन किया गया।
कलाकारों ने मंचन में दिखाया कि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर जनकपुर की ओर जाते हैं और गंगा में स्नान करने के बाद जनकपुर पहुंचते हैं। राजा जनक उनका स्वागत करते हैं। विश्वामित्र से रामचंद्र आज्ञा लेकर लक्ष्मण के साथ नगर दर्शन के लिए जाते हैं, नगर के लोग देखकर उन्हें सीता के लिए अच्छा वर कहती है। विश्वामित्र राम को पुष्प वाटिका से फूल लाने के लिए भेजते हैं। राम और लक्ष्मण फूल लेने जाते है कि वहां सीता भी गिरिजा पूजन के लिए आती है। सीता व राम दोनों एक दूसरे को देखते हैं और देखते रह जाते हैं। सीता को मां गिरिजा का आशीर्वाद प्रदान होता है। उधर, सीता स्वयंवर में तमाम देश के राजा पहुंचते हैं, जहां रावण और बाणासुर भी आते हैं। संवाद होता है, बाणासुर कहकर चला जाता है कि धनुष उसके गुरु का है और सीता उनकी माता है लेकिन रावण जैसे ही धनुष के पास जाता है, आकाशवाणी होती है और रावण भी चला जाता है।
कार्यक्रम के दौरान अरुण सिंह, मंगल, जिगर मोदनवाल, रवि मोदनवाल, पप्पू मोदनवाल, अर्जुन अर्कवंशी, गोपाल अर्कवंशी आदि उपस्थित रहे।
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भनवापुर। ब्लॉक क्षेत्र के चौखड़ा में आदर्श जय बजरंग राम मिला समिति के तत्वावधान में चल रहे ऐतिहासिक रामलीला कार्यक्रम में मंगलवार को रात में सीता विवाह का मंचन किया गया।
कलाकारों ने मंचन में दिखाया कि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर जनकपुर की ओर जाते हैं और गंगा में स्नान करने के बाद जनकपुर पहुंचते हैं। राजा जनक उनका स्वागत करते हैं। विश्वामित्र से रामचंद्र आज्ञा लेकर लक्ष्मण के साथ नगर दर्शन के लिए जाते हैं, नगर के लोग देखकर उन्हें सीता के लिए अच्छा वर कहती है। विश्वामित्र राम को पुष्प वाटिका से फूल लाने के लिए भेजते हैं। राम और लक्ष्मण फूल लेने जाते है कि वहां सीता भी गिरिजा पूजन के लिए आती है। सीता व राम दोनों एक दूसरे को देखते हैं और देखते रह जाते हैं। सीता को मां गिरिजा का आशीर्वाद प्रदान होता है। उधर, सीता स्वयंवर में तमाम देश के राजा पहुंचते हैं, जहां रावण और बाणासुर भी आते हैं। संवाद होता है, बाणासुर कहकर चला जाता है कि धनुष उसके गुरु का है और सीता उनकी माता है लेकिन रावण जैसे ही धनुष के पास जाता है, आकाशवाणी होती है और रावण भी चला जाता है।
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कार्यक्रम के दौरान अरुण सिंह, मंगल, जिगर मोदनवाल, रवि मोदनवाल, पप्पू मोदनवाल, अर्जुन अर्कवंशी, गोपाल अर्कवंशी आदि उपस्थित रहे।