कोयला संकट से बंद हुई ओबरा तापीय परियोजना के 200 मेगावाट की 12वीं इकाई से बुधवार को उत्पादन शुरू हो गया। इससे 122 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। वहीं नौंवी इकाई से 119, दसवीं इकाई से 120 मेगावाट, 11वीं से 125 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है। ओबरा जल विद्युत गृह से भी 58 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। परियोजना में कोयले का संकट बरकरार है।
ओबरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक इं. दीपक कुमार ने बताया कि बुधवार को दो रैक कोयला मिला है। अभी फिलहाल 32 हजार मैट्रिक टन कोयला बचा हुआ है। बताया कि अभी तक निगम के उच्च प्रवंधन द्वारा एनसीएल से लगातार बात करने के बावजूद कोयला आपूर्ति नहीं बढ़ सकी है। इस वजह से कोयला संकट बना हुआ है। चारों इकाइयों को पूरी क्षमता से चलाना परियोजना के अधिकारियों के लिए एक चुनौती है।
कोयला संकट से बंद हुई ओबरा तापीय परियोजना के 200 मेगावाट की 12वीं इकाई से बुधवार को उत्पादन शुरू हो गया। इससे 122 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। वहीं नौंवी इकाई से 119, दसवीं इकाई से 120 मेगावाट, 11वीं से 125 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है। ओबरा जल विद्युत गृह से भी 58 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। परियोजना में कोयले का संकट बरकरार है।
ओबरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक इं. दीपक कुमार ने बताया कि बुधवार को दो रैक कोयला मिला है। अभी फिलहाल 32 हजार मैट्रिक टन कोयला बचा हुआ है। बताया कि अभी तक निगम के उच्च प्रवंधन द्वारा एनसीएल से लगातार बात करने के बावजूद कोयला आपूर्ति नहीं बढ़ सकी है। इस वजह से कोयला संकट बना हुआ है। चारों इकाइयों को पूरी क्षमता से चलाना परियोजना के अधिकारियों के लिए एक चुनौती है।