{"_id":"6913846546d8db0ef902d7a4","slug":"if-your-child-is-suffering-from-a-cold-do-not-be-careless-it-could-lead-to-pneumonia-sonbhadra-news-c-194-1-son1018-137269-2025-11-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sonebhadra News: बच्चा सर्दी-जुकाम से हो पीड़ित तो न बरतें लापरवाही, हो सकता है निमोनिया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sonebhadra News: बच्चा सर्दी-जुकाम से हो पीड़ित तो न बरतें लापरवाही, हो सकता है निमोनिया
विज्ञापन
विज्ञापन
अगर आपके बच्चे को सर्दी-जुकाम, बुखार है तो इसे हल्के में न लें। जरा सी लापरवाही निमोनिया का कारण बन सकती है। मौसम का उतार-चढ़ाव इन दिनों बच्चों को तेजी से बीमार बना रहा है।
इसको देखते हुए चिकित्सक जहां जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दे रही हैं। वही उन्हें सुबह-शाम बाहर खुले में न छोड़ने, गर्म वातावरण में रखने की सलाह दी जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम का उतार-चढ़ाव तेजी से बच्चों को बीमार बना रहा है। खासकर छह माह से दो वर्ष के बच्चे के लिए यह मौसम खासा संवेदनशील है। बच्चे में जैसे ही सर्दी-जुकाम के लक्षण आएं उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं।
महज एक से दो दिन की लापरवाही बच्चे को निमोनिया की चपेट में आने का कारण बन सकती है। मौजूदा हालत यह है कि अस्पताल पहुंचने वाला हर चौथा बच्चा सर्दी-जुकाम से पीड़ित मिल रहा है। इसको देखते हुए डाॅक्टर बच्चों को लेकर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- ठंडक में बढ़ोतरी हो रही है। इसको देखते हुए बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं और उसे गर्म वातावरण में रखें। धूप खिलने पर ही घर से बाहर निकलने देंं।
- घर में अगर किसी दूसरे को सर्दी-जुकाम है तो उसे बच्चे के संपर्क में आने से रोकें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- छह माह से दो साल तक के बच्चे को निमोनिया के चपेट में आने की संभावना ज्यादा रहती है इसलिए उनका विशेष ख्याल रखें।
- ठंडे पानी से उन्हें न नहलाएं। ज्यादा ठंडक वाले स्थलों पर उन्हें ले जाने से बचें। किसी तरह की दिक्कत आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
डॉक्टर बोले, रहें सतर्क
मौसम में बदलाव बच्चों को सर्दी-जुकाम की चपेट मे ले रहा है। इसे हल्के में न लें। यह निमोनिया का कारण बन सकता है। इससे बचाव के लिए बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं रखें। घर का भी वातावरण गर्म रखें।
-डाॅ. कीर्ति आजाद बिंद, डिप्टी सीएमओ/ बाल रोग विशेषज्ञ।
बच्चों को ठंडक से बचाएं। घर, आस-पास कोई सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो बच्चे को उनके संपर्क में न आने दें। छह माह से दो साल के बच्चे को निमोनिया की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए उनको लेकर विशेष सावधानी बरतें।
-डाॅ. आरपी सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ।
Trending Videos
इसको देखते हुए चिकित्सक जहां जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दे रही हैं। वही उन्हें सुबह-शाम बाहर खुले में न छोड़ने, गर्म वातावरण में रखने की सलाह दी जा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम का उतार-चढ़ाव तेजी से बच्चों को बीमार बना रहा है। खासकर छह माह से दो वर्ष के बच्चे के लिए यह मौसम खासा संवेदनशील है। बच्चे में जैसे ही सर्दी-जुकाम के लक्षण आएं उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं।
महज एक से दो दिन की लापरवाही बच्चे को निमोनिया की चपेट में आने का कारण बन सकती है। मौजूदा हालत यह है कि अस्पताल पहुंचने वाला हर चौथा बच्चा सर्दी-जुकाम से पीड़ित मिल रहा है। इसको देखते हुए डाॅक्टर बच्चों को लेकर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- ठंडक में बढ़ोतरी हो रही है। इसको देखते हुए बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं और उसे गर्म वातावरण में रखें। धूप खिलने पर ही घर से बाहर निकलने देंं।
- घर में अगर किसी दूसरे को सर्दी-जुकाम है तो उसे बच्चे के संपर्क में आने से रोकें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- छह माह से दो साल तक के बच्चे को निमोनिया के चपेट में आने की संभावना ज्यादा रहती है इसलिए उनका विशेष ख्याल रखें।
- ठंडे पानी से उन्हें न नहलाएं। ज्यादा ठंडक वाले स्थलों पर उन्हें ले जाने से बचें। किसी तरह की दिक्कत आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
डॉक्टर बोले, रहें सतर्क
मौसम में बदलाव बच्चों को सर्दी-जुकाम की चपेट मे ले रहा है। इसे हल्के में न लें। यह निमोनिया का कारण बन सकता है। इससे बचाव के लिए बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं रखें। घर का भी वातावरण गर्म रखें।
-डाॅ. कीर्ति आजाद बिंद, डिप्टी सीएमओ/ बाल रोग विशेषज्ञ।
बच्चों को ठंडक से बचाएं। घर, आस-पास कोई सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो बच्चे को उनके संपर्क में न आने दें। छह माह से दो साल के बच्चे को निमोनिया की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए उनको लेकर विशेष सावधानी बरतें।
-डाॅ. आरपी सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ।