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Sultanpur News: गन्ना निरीक्षक और क्लर्क ने मिलकर हड़पे 39.91 लाख
संवाद न्यूज एजेंसी, सुल्तानपुर
Updated Wed, 12 Nov 2025 12:05 AM IST
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सुल्तानपुर। गन्ना विकास परिषद में वर्ष 2017-18 से 2022-23 के बीच छह साल में तत्कालीन एससीडीआई (सीनियर केन डेवलपमेंट इंस्पेक्टर) और लेखा लिपिक ने मिलीभगत करके 39.91 लाख रुपये का सरकारी धन हजम कर लिया। जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद जिला गन्ना अधिकारी ने कोतवाली नगर में दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
जिला गन्ना अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अमेठी के कोरारी हीरशाह निवासी अतुल प्रकाश की तैनाती ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के पद पर थी। इसके अलावा आजमगढ़ जिले के खानजहांपुर फूलपुर निवासी सुधांशु रंजन त्रिपाठी लेखा लिपिक के पद पर कार्यरत थे। दोनों ने सांठगांठ करके वर्ष 2017-18 से 2022-23 के बीच विभिन्न तिथियों में गन्ना विकास परिषद का 39.91 लाख रुपये निकाल लिया। आरोपियों की ओर से धनराशि गन्ना विकास परिषद के बैंक खाते से स्वयं के लिए निकाली गई।
मामला सामने आने पर विभागीय जांच कराई गई, जिसमें धन के गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक धीरज कुमार ने बताया कि सोमवार को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
बियरर चेक से निकाली धनराशि, गायब किए अभिलेख
गन्ना अधिकारी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अतुल प्रकाश ने लेखा लिपिक सुधांशु रंजन त्रिपाठी के खाते में 17 जून 2022 को दो लाख रुपये की चिकित्सा अग्रिम धनराशि परिषद कोष से भेजी थी। इस अवैध धनराशि के ट्रांसफर होने की पुष्टि के बाद सुधांशु रंजन ने 28 अक्तूबर 2022 को 20 हजार रुपये सरकारी कोष में जमा किया। बाकी 1.80 लाख रुपये की धनराशि उसने हड़प लिया। गन्ना विकास परिषद के बैंक खाते से अतुल प्रकाश व तत्कालीन जिला गन्ना अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से पांच, सात व 28 अक्तूबर 2021 को तीन बियरर चेक निर्गत कर करीब 16.52 लाख रुपये सुधांशु रंजन त्रिपाठी को भुगतान किया गया। जांच में आरोपियों पर गबन से जुड़े अभिलेख गायब करने की पुष्टि हुई है।
होगी सरकारी धन की वसूली
सरकारी धन के गबन के आरोप में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक व लेखा लिपिक को बर्खास्त किया जा चुका है। दोनों पर सरकारी धन की वसूली के लिए अंश निर्धारण भी किया गया है।
- राजेंद्र प्रसाद, जिला गन्ना अधिकारी, सुल्तानपुर
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जिला गन्ना अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अमेठी के कोरारी हीरशाह निवासी अतुल प्रकाश की तैनाती ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के पद पर थी। इसके अलावा आजमगढ़ जिले के खानजहांपुर फूलपुर निवासी सुधांशु रंजन त्रिपाठी लेखा लिपिक के पद पर कार्यरत थे। दोनों ने सांठगांठ करके वर्ष 2017-18 से 2022-23 के बीच विभिन्न तिथियों में गन्ना विकास परिषद का 39.91 लाख रुपये निकाल लिया। आरोपियों की ओर से धनराशि गन्ना विकास परिषद के बैंक खाते से स्वयं के लिए निकाली गई।
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मामला सामने आने पर विभागीय जांच कराई गई, जिसमें धन के गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक धीरज कुमार ने बताया कि सोमवार को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
बियरर चेक से निकाली धनराशि, गायब किए अभिलेख
गन्ना अधिकारी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अतुल प्रकाश ने लेखा लिपिक सुधांशु रंजन त्रिपाठी के खाते में 17 जून 2022 को दो लाख रुपये की चिकित्सा अग्रिम धनराशि परिषद कोष से भेजी थी। इस अवैध धनराशि के ट्रांसफर होने की पुष्टि के बाद सुधांशु रंजन ने 28 अक्तूबर 2022 को 20 हजार रुपये सरकारी कोष में जमा किया। बाकी 1.80 लाख रुपये की धनराशि उसने हड़प लिया। गन्ना विकास परिषद के बैंक खाते से अतुल प्रकाश व तत्कालीन जिला गन्ना अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से पांच, सात व 28 अक्तूबर 2021 को तीन बियरर चेक निर्गत कर करीब 16.52 लाख रुपये सुधांशु रंजन त्रिपाठी को भुगतान किया गया। जांच में आरोपियों पर गबन से जुड़े अभिलेख गायब करने की पुष्टि हुई है।
होगी सरकारी धन की वसूली
सरकारी धन के गबन के आरोप में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक व लेखा लिपिक को बर्खास्त किया जा चुका है। दोनों पर सरकारी धन की वसूली के लिए अंश निर्धारण भी किया गया है।
- राजेंद्र प्रसाद, जिला गन्ना अधिकारी, सुल्तानपुर