उन्नाव। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने गुरुवार को जिले की छह में से तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे पर अमल करते हुए जिले की तीन सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। इनमें बांगरमऊ से जिलाध्यक्ष आरती बाजपेयी, मोहान (सुरक्षित) सीट से महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मधु रावत और सदर सीट से आशा सिंह पर दांव लगाया है।
कांग्रेस ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से एक बार फिर आरती बाजपेयी पर भरोसा जताया है। उनके पिता गोपीनाथ दीक्षित वर्ष 1962, 1969, 1980, 1985 और 1991 में बांगरमऊ से विधायक रहे। वह सरकार में मंत्री भी रहे। आरती प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने 2007 में कांग्रेस से बांगरमऊ से विधानसभा चुनाव लड़ा था। पिता की राजनीतिक विरासत संभालने उतरीं आरती को अपने पहले चुनाव में 13,375 वोट मिले थे। 2012 में चुनाव से ठीक पहले टिकट काट दिया था। इस पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर 17,104 वोट हासिल किए। 2017 के चुनाव में वह टिकट की प्रबल दावेदार थीं लेकिन कांग्रेस और सपा में गठबंधन होने से सीट सपा के खाते में गई थी। 2017 में बांगरमऊ से भाजपा से चुनाव जीते कुलदीप सेंगर को दुष्कर्म में उम्र कैद की सजा होने के बाद नवंबर 2019 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने आरती को फिर प्रत्याशी बनाया था। कड़े मुकाबले में 39,983 वोट हासिल कर वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं।
सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने माखी गांव निवासी आशा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। आशा सिंह की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। वह पहला चुनाव लड़ने जा रही हैं। कुछ दिन पहले आशा सिंह की बेटी ने लखनऊ में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। तभी से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। गुरुवार को जारी की गई सूची में आशा को टिकट मिलते ही चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। सूत्रों के अनुसार आशा सिंह का चुनाव खर्च पार्टी उठाएगी। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की टीम दो दिन पहले उन्नाव आई थी। शहर के एक मोहल्ले में किराये का मकान भी ले लिया है। इस मकान में आशा सिंह शहर में रहकर अपना चुनाव लड़ेंगी।
मोहान सुरक्षित सीट से कांग्रेस ने मधु रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। मधु वर्तमान समय में कांग्रेस की महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष भी हैं। हसनगंज तहसील के मौलाबांकीपुर निवासी मधु ने एमए, बीएड, एलएलबी किया है। वह समाज सेवा और कांग्रेस से जुड़ी रहीं। पार्टी ने उन्हें पहले जिले में महिला प्रकोष्ठ की कमान सौंपी और अब मोहान सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। उनके पति मुनेश्वर वर्मा 2017 में हसनंगज तहसील बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और 2020 में बार एसोसिएशन के महामंत्री रह चुके हैं।
---
कांग्रेस ने चला महिला कार्ड
छह में से तीन सीटों पर महिला प्रत्याशियों को टिकट देकर कांग्रेस ने महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा, सपा, बसपा व अन्य दल भी कुछ सीटों पर महिलाओं को टिकट देकर संतुलन बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
-
प्रियंका गांधी के साथ आरती बाजपेयी। संवाद- फोटो : UNNAO
आशा सिंह। संवाद- फोटो : UNNAO
उन्नाव। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने गुरुवार को जिले की छह में से तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे पर अमल करते हुए जिले की तीन सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। इनमें बांगरमऊ से जिलाध्यक्ष आरती बाजपेयी, मोहान (सुरक्षित) सीट से महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मधु रावत और सदर सीट से आशा सिंह पर दांव लगाया है।
कांग्रेस ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से एक बार फिर आरती बाजपेयी पर भरोसा जताया है। उनके पिता गोपीनाथ दीक्षित वर्ष 1962, 1969, 1980, 1985 और 1991 में बांगरमऊ से विधायक रहे। वह सरकार में मंत्री भी रहे। आरती प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने 2007 में कांग्रेस से बांगरमऊ से विधानसभा चुनाव लड़ा था। पिता की राजनीतिक विरासत संभालने उतरीं आरती को अपने पहले चुनाव में 13,375 वोट मिले थे। 2012 में चुनाव से ठीक पहले टिकट काट दिया था। इस पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर 17,104 वोट हासिल किए। 2017 के चुनाव में वह टिकट की प्रबल दावेदार थीं लेकिन कांग्रेस और सपा में गठबंधन होने से सीट सपा के खाते में गई थी। 2017 में बांगरमऊ से भाजपा से चुनाव जीते कुलदीप सेंगर को दुष्कर्म में उम्र कैद की सजा होने के बाद नवंबर 2019 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने आरती को फिर प्रत्याशी बनाया था। कड़े मुकाबले में 39,983 वोट हासिल कर वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं।
सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने माखी गांव निवासी आशा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। आशा सिंह की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। वह पहला चुनाव लड़ने जा रही हैं। कुछ दिन पहले आशा सिंह की बेटी ने लखनऊ में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। तभी से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। गुरुवार को जारी की गई सूची में आशा को टिकट मिलते ही चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। सूत्रों के अनुसार आशा सिंह का चुनाव खर्च पार्टी उठाएगी। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की टीम दो दिन पहले उन्नाव आई थी। शहर के एक मोहल्ले में किराये का मकान भी ले लिया है। इस मकान में आशा सिंह शहर में रहकर अपना चुनाव लड़ेंगी।
मोहान सुरक्षित सीट से कांग्रेस ने मधु रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। मधु वर्तमान समय में कांग्रेस की महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष भी हैं। हसनगंज तहसील के मौलाबांकीपुर निवासी मधु ने एमए, बीएड, एलएलबी किया है। वह समाज सेवा और कांग्रेस से जुड़ी रहीं। पार्टी ने उन्हें पहले जिले में महिला प्रकोष्ठ की कमान सौंपी और अब मोहान सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। उनके पति मुनेश्वर वर्मा 2017 में हसनंगज तहसील बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और 2020 में बार एसोसिएशन के महामंत्री रह चुके हैं।
---
कांग्रेस ने चला महिला कार्ड
छह में से तीन सीटों पर महिला प्रत्याशियों को टिकट देकर कांग्रेस ने महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा, सपा, बसपा व अन्य दल भी कुछ सीटों पर महिलाओं को टिकट देकर संतुलन बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
-

प्रियंका गांधी के साथ आरती बाजपेयी। संवाद- फोटो : UNNAO

आशा सिंह। संवाद- फोटो : UNNAO