{"_id":"691628469ec0cabae503c677","slug":"unnao-news-unnao-news-c-221-1-sknp1054-140229-2025-11-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Unnao News: एआरटीओ व पीटीओ के साथ चलने वालों को रोज पहुंचाते थे 20.25 लाख","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Unnao News: एआरटीओ व पीटीओ के साथ चलने वालों को रोज पहुंचाते थे 20.25 लाख
विज्ञापन
फोटो-27- एआरटीओ कार्यालय। संवाद
विज्ञापन
उन्नाव। अवैध खनिज और ओवरलोड वाहनों से रोज होने वाली लाखों की कमाई परिवहन विभाग के अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक में बंटता था। कानपुर एसटीएफ ने अवैध परिवहन कराने वाले सिंडीकेट को पकड़ा तो परिवहन विभाग में चल रहे काली कमाई के खेल का खुलासा हुआ।सिंडीकेट ने उन्नाव और कानपुर के एआरटीओ और पीटीओ से उनके हमराही सिपाहियों और चालकों के जरिए तार जोड़े थे। आरोपियों ने बताया कि कानपुर के अफसरों के नाम पर हर महीने 81 लाख रुपये जाते थे। लोकेशन देने में मदद करने वाले अफसरों के हमराहियों और चालकों को रोज 20.25 लाख रुपये जाते थे। इसके बाद भी उन्हें हर रोज 6.75 लाख बचते थे। एफआईआर में पांच और नाम बढ़ाए हैं। इनमें दोनों एआरटीओ के तीन हमराही सिपाही, एक निजी चालक और खुद को कानपुर के पूर्व एआरटीओ का खास बताने वाले का नाम शामिल है।
हमीरपुर, महोबा, और जालौन आदि जिलों से मौरंग, गिट्टी, स्टोन डस्ट का बिना रॉयल्टी और जीएसटी बिल परिवहन और दो गुना माल लादकर चलने वाले ओवरलोड ट्रकों और डंपराें को कानपुर और उन्नाव जिले की सीमा से बिना रोक-टोक निकालने में मदद कराने वाले सिंडीकेट के पांच सदस्यों को कानपुर की एसटीएफ टीम के उपनिरीक्षक राहुल परमार ने बुधवार को पकड़ा था। उन्होंने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। यह गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अवैध खनिज व ओवरलोड वाहनों का संचालन कराता था।
कानपुर के पूर्व एआरटीओ को खुद का खास बताने वाले आरोपी निर्भय सिंह ने पुलिस को बताया कि 100 वाहन मालिकों का ग्रुप उनसे जुड़ा है। वहीं मोहम्मद तारिक ने बताया उसके ग्रुप में 350 ट्रांसपोर्टर और ट्रक व डंपर मालिक जुड़े हैं। आरोपियों ने बताया कि 450 वाहनों के बिना रोकटोक संचालन के बदले कानपुर एआरटीओ कार्यालय के अधिकारियों को हर महीने प्रति गाड़ी 11 हजार रुपये (49 लाख 50 हजार रुपये), उन्नाव के अधिकारियों के नाम पर हर महीने प्रति गाड़ी सात हजार रुपये (31 लाख 50 हजार रुपये) पहुंचाए जाते थे।
उन्नाव के दोनों एआरटीओ प्रवर्तन के हमराहियों और चालकों को रोज प्रति गाड़ी 2500 रुपये (11 लाख 25 हजार रुपये प्रतिदिन) और पीटीओ के वाहन के निजी चालक को रोज प्रति गाड़ी दो हजार रुपये (प्रतिदिन नौ लाख रुपये) देते थे।
पुलिस ने उन्नाव में तैनात एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार के हमराही सिपाही प्रदीप और रंजीत, एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय प्रतिभा गौतम के साथ चलने वाले सिपाही इंद्रजीत, पीडीओ (यात्री कर अधिकारी) शहपर किदवई के प्राइवेट चालक सुरेंद्र और कानपुर के एआरटीओ रहे अंबुज सिंह (वर्तमान में रायबरेली) का खास बताए जाने वाले निर्भय सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। सदर कोतवाली प्रभारी संजीव कुशवाहा ने बताया कि एफआईआर की जांच में जो भी और नाम सामने आएंगे बढ़ाए जाएंगे।
टोल प्लाजा से रोज निकलते 200 से 250 ओवरलोड वाहन
नवाबगंज टोल मैनेजर दीपक यादव ने बताया कि टोल से 24 घंटे में औसतन 4500 भारी वाहन निकलते हैं। इनमें 200 से 250 वाहन वेट बीम और एआई कैमरे से ओवरलोड होने का पता चलता है। नियमानुसार ओवरलोड वाहन से 505 रुपये जुर्माना टैक्स लेकर जाने दिया जाता है। अगर कोई चालक ओवरलोड न होने का दावा करता है तो टोल के पास लगे धर्मकांटा पर तौल कराई जाती है। ओवरलोड न पाए जाने पर अतिरिक्त टोल रकम लौटा दी जाती है।
अफसरों की फंस रही गर्दन, नहीं पहुंचे दफ्तर
काली कमाई के खेल का भंडाफोड़ होने के बाद विभाग के अफसरों की भी गर्दन फंस रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी उच्चाधिकारी भी लपेटे में आएंगे। दूसरे दिन बृहस्पतिवार को एआरटीओ कार्यालय में रोज की तरह रहने वाली गहमागहमी नहीं दिखी। अधिकारियों की कुर्सियां भी खाली रहीं।
कानपुर एसटीएफ की कार्रवाई परिवहन विभाग के कर्मचारियों में दिन भर चर्चा का विषय बनी रही। एआरटीओ प्रशासन श्वेत वर्मा ने बताया कि वह तीन दिन की ट्रेनिंग पर लखनऊ में हैं। बुधवार को भी कार्यालय में न होने से उन्हें वहां क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं है। एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार सिंह ने बताया कि वह प्रवर्तन कार्य से बाहर हैं। वहीं आरटीओ प्रवर्तन द्वितीय प्रतिभा गौतम और पीटीओ शहपर किदवई ने फोन रिसीव नहीं किया। कर्मचारी भी खामोश रहे
खनन निरीक्षक दो बार दर्ज करा चुके है एफआईआर
हाईवे पर खनिज वाहनों की चेकिंग के दौरान वाहन मालिकों को लोकेशन देने वाले तीन ट्रैकर (चेकर) को खनन निरीक्षक प्रांजुल सिंह ने 13 दिन पहले (एक नवंबर) पकड़ कर पुलिस को दिया था। उनकी तहरीर पर दही थाना पुलिस ने रवींद्र कुमार निवासी जवाहर नगर घाटमपुर थाना कानपुर, दानिश निवासी पश्चिमी मोहल्ला, थाना घाटमपुर कानपुर और अंकुश यादव निवासी कानपुर फजलगंज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा था। आरोपी हारे का सहारा, खाटू श्याम हमारा नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों को खनन निरीक्षक की लोकेशन और सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे। खनन निरीक्षक ने इससे पहले 24 जनवरी 2025 को भी एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। वह कलक्ट्रेट के आसपास रहकर प्रवर्तन टीम के कार्यालय से निकलते ही लोकेशन शेयर करता था।
सूचना देकर रोज कमाते थे 6.75 लाख
खनन और परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल की सूचना देने वाले गिरोह 450 गाड़ियों का संचालन कराता था। इसके बदले में वह प्रति गाड़ी, प्रति चक्कर 1500 रुपये कमीशन लेता था। सिंडीकेट को रोज 6.75 लाख रुपये की बचत होती थी जो सूचनाओं के आदान प्रदान करने वालों में बंटती थी।
सात महीने में परिवहन विभाग की कार्रवाई पर नजर
एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के सात महीने (1 अप्रैल से 31 अक्तूबर तक) के 9646 वाहनों का चालान और ओवर लोडिंग में 1088 वाहनों को सीज कराते हुए तीन करोड़ 88 लाख 52 हजार रुपये शमन शुल्क लगाया गया। वहीं पीटीओ की ओर से 4562 वाहनों का चालान और 773 वाहनों को सीज कर एक करोड़ 77 लाख 78 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
Trending Videos
हमीरपुर, महोबा, और जालौन आदि जिलों से मौरंग, गिट्टी, स्टोन डस्ट का बिना रॉयल्टी और जीएसटी बिल परिवहन और दो गुना माल लादकर चलने वाले ओवरलोड ट्रकों और डंपराें को कानपुर और उन्नाव जिले की सीमा से बिना रोक-टोक निकालने में मदद कराने वाले सिंडीकेट के पांच सदस्यों को कानपुर की एसटीएफ टीम के उपनिरीक्षक राहुल परमार ने बुधवार को पकड़ा था। उन्होंने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। यह गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अवैध खनिज व ओवरलोड वाहनों का संचालन कराता था।
विज्ञापन
विज्ञापन
कानपुर के पूर्व एआरटीओ को खुद का खास बताने वाले आरोपी निर्भय सिंह ने पुलिस को बताया कि 100 वाहन मालिकों का ग्रुप उनसे जुड़ा है। वहीं मोहम्मद तारिक ने बताया उसके ग्रुप में 350 ट्रांसपोर्टर और ट्रक व डंपर मालिक जुड़े हैं। आरोपियों ने बताया कि 450 वाहनों के बिना रोकटोक संचालन के बदले कानपुर एआरटीओ कार्यालय के अधिकारियों को हर महीने प्रति गाड़ी 11 हजार रुपये (49 लाख 50 हजार रुपये), उन्नाव के अधिकारियों के नाम पर हर महीने प्रति गाड़ी सात हजार रुपये (31 लाख 50 हजार रुपये) पहुंचाए जाते थे।
उन्नाव के दोनों एआरटीओ प्रवर्तन के हमराहियों और चालकों को रोज प्रति गाड़ी 2500 रुपये (11 लाख 25 हजार रुपये प्रतिदिन) और पीटीओ के वाहन के निजी चालक को रोज प्रति गाड़ी दो हजार रुपये (प्रतिदिन नौ लाख रुपये) देते थे।
पुलिस ने उन्नाव में तैनात एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार के हमराही सिपाही प्रदीप और रंजीत, एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय प्रतिभा गौतम के साथ चलने वाले सिपाही इंद्रजीत, पीडीओ (यात्री कर अधिकारी) शहपर किदवई के प्राइवेट चालक सुरेंद्र और कानपुर के एआरटीओ रहे अंबुज सिंह (वर्तमान में रायबरेली) का खास बताए जाने वाले निर्भय सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। सदर कोतवाली प्रभारी संजीव कुशवाहा ने बताया कि एफआईआर की जांच में जो भी और नाम सामने आएंगे बढ़ाए जाएंगे।
टोल प्लाजा से रोज निकलते 200 से 250 ओवरलोड वाहन
नवाबगंज टोल मैनेजर दीपक यादव ने बताया कि टोल से 24 घंटे में औसतन 4500 भारी वाहन निकलते हैं। इनमें 200 से 250 वाहन वेट बीम और एआई कैमरे से ओवरलोड होने का पता चलता है। नियमानुसार ओवरलोड वाहन से 505 रुपये जुर्माना टैक्स लेकर जाने दिया जाता है। अगर कोई चालक ओवरलोड न होने का दावा करता है तो टोल के पास लगे धर्मकांटा पर तौल कराई जाती है। ओवरलोड न पाए जाने पर अतिरिक्त टोल रकम लौटा दी जाती है।
अफसरों की फंस रही गर्दन, नहीं पहुंचे दफ्तर
काली कमाई के खेल का भंडाफोड़ होने के बाद विभाग के अफसरों की भी गर्दन फंस रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी उच्चाधिकारी भी लपेटे में आएंगे। दूसरे दिन बृहस्पतिवार को एआरटीओ कार्यालय में रोज की तरह रहने वाली गहमागहमी नहीं दिखी। अधिकारियों की कुर्सियां भी खाली रहीं।
कानपुर एसटीएफ की कार्रवाई परिवहन विभाग के कर्मचारियों में दिन भर चर्चा का विषय बनी रही। एआरटीओ प्रशासन श्वेत वर्मा ने बताया कि वह तीन दिन की ट्रेनिंग पर लखनऊ में हैं। बुधवार को भी कार्यालय में न होने से उन्हें वहां क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं है। एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार सिंह ने बताया कि वह प्रवर्तन कार्य से बाहर हैं। वहीं आरटीओ प्रवर्तन द्वितीय प्रतिभा गौतम और पीटीओ शहपर किदवई ने फोन रिसीव नहीं किया। कर्मचारी भी खामोश रहे
खनन निरीक्षक दो बार दर्ज करा चुके है एफआईआर
हाईवे पर खनिज वाहनों की चेकिंग के दौरान वाहन मालिकों को लोकेशन देने वाले तीन ट्रैकर (चेकर) को खनन निरीक्षक प्रांजुल सिंह ने 13 दिन पहले (एक नवंबर) पकड़ कर पुलिस को दिया था। उनकी तहरीर पर दही थाना पुलिस ने रवींद्र कुमार निवासी जवाहर नगर घाटमपुर थाना कानपुर, दानिश निवासी पश्चिमी मोहल्ला, थाना घाटमपुर कानपुर और अंकुश यादव निवासी कानपुर फजलगंज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा था। आरोपी हारे का सहारा, खाटू श्याम हमारा नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों को खनन निरीक्षक की लोकेशन और सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे। खनन निरीक्षक ने इससे पहले 24 जनवरी 2025 को भी एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। वह कलक्ट्रेट के आसपास रहकर प्रवर्तन टीम के कार्यालय से निकलते ही लोकेशन शेयर करता था।
सूचना देकर रोज कमाते थे 6.75 लाख
खनन और परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल की सूचना देने वाले गिरोह 450 गाड़ियों का संचालन कराता था। इसके बदले में वह प्रति गाड़ी, प्रति चक्कर 1500 रुपये कमीशन लेता था। सिंडीकेट को रोज 6.75 लाख रुपये की बचत होती थी जो सूचनाओं के आदान प्रदान करने वालों में बंटती थी।
सात महीने में परिवहन विभाग की कार्रवाई पर नजर
एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के सात महीने (1 अप्रैल से 31 अक्तूबर तक) के 9646 वाहनों का चालान और ओवर लोडिंग में 1088 वाहनों को सीज कराते हुए तीन करोड़ 88 लाख 52 हजार रुपये शमन शुल्क लगाया गया। वहीं पीटीओ की ओर से 4562 वाहनों का चालान और 773 वाहनों को सीज कर एक करोड़ 77 लाख 78 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।

फोटो-27- एआरटीओ कार्यालय। संवाद

फोटो-27- एआरटीओ कार्यालय। संवाद