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Unnao News: दिल्ली लहूलुहान हुई है फिर आतंकी चालों से...
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फोटो-24- महोत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन में काव्य पाठ करतीं हेमा पांडेय। स्रोत: अयोजक
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उन्नाव। जीआईसी मैदान में चल रहे उन्नाव महोत्सव के 12वें दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ। इसमें कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक नगमें पेश कर खूब तालियां बटोरी। गीतकार मुकेश श्रीवास्तव ने पढ़ा साजिश है या चूक हुई है गुलशन के रखवालों से, दिल्ली लहूलुहान हुई है फिर आतंकी चालों से।
आबकारी आयुक्त व शायर अनुराग मिश्र गैर ने पढ़ा, ‘आपने ही पांव काटा था हमारा एक दिन, अब हमारे हक में कुछ बैसाखियां लिख दीजिए, आदमी का जंग में मरना हमें भाता नहीं, इस अहद में कुछ नई बीमारियां लिख दीजिए’, अख्तर जलील ललितपुरी ने पढ़ा, ‘आंख से परदेश में छलका वतन, हमने गालों पर बहुत लिखा वतन, एक दिन बचपन में मिट्टी खाई थी, जिंदगी भर जिस्म से महका वतन’। कवियत्री हेमा पांडेय ने पढ़ा, ‘रातरानी-कनेर लाई हूं, गीत गजलों का ढेर लाई हूं, आप सब राम की तरह चख लो,
मैं भी शबरी से बेर लाई हूं’। अलावा प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम, उरई से आए शफीकुर्रहमान, प्रयागराज के डॉ. श्लेष गौतम, डॉ. विनय दीक्षित आशु आदि रचनाकारों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं की तालियां बटोरी। आयोजकों ने अतिथियों और साहित्यकारों को सम्मानित किया।
यहां निम्मी अरोड़ा, अशोक पटेल शिवा, बाबू लाल कनौजिया, राम सुमेर सिंह, डॉ. मनीष सिंह सेंगर, डॉ. राजेश सिंह, सुख सागर पटेल, अनिल सिंह फौजी, तन्मय त्रिपाठी आदि रहे।
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आबकारी आयुक्त व शायर अनुराग मिश्र गैर ने पढ़ा, ‘आपने ही पांव काटा था हमारा एक दिन, अब हमारे हक में कुछ बैसाखियां लिख दीजिए, आदमी का जंग में मरना हमें भाता नहीं, इस अहद में कुछ नई बीमारियां लिख दीजिए’, अख्तर जलील ललितपुरी ने पढ़ा, ‘आंख से परदेश में छलका वतन, हमने गालों पर बहुत लिखा वतन, एक दिन बचपन में मिट्टी खाई थी, जिंदगी भर जिस्म से महका वतन’। कवियत्री हेमा पांडेय ने पढ़ा, ‘रातरानी-कनेर लाई हूं, गीत गजलों का ढेर लाई हूं, आप सब राम की तरह चख लो,
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मैं भी शबरी से बेर लाई हूं’। अलावा प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम, उरई से आए शफीकुर्रहमान, प्रयागराज के डॉ. श्लेष गौतम, डॉ. विनय दीक्षित आशु आदि रचनाकारों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं की तालियां बटोरी। आयोजकों ने अतिथियों और साहित्यकारों को सम्मानित किया।
यहां निम्मी अरोड़ा, अशोक पटेल शिवा, बाबू लाल कनौजिया, राम सुमेर सिंह, डॉ. मनीष सिंह सेंगर, डॉ. राजेश सिंह, सुख सागर पटेल, अनिल सिंह फौजी, तन्मय त्रिपाठी आदि रहे।