काशी के विकास के लिए एक अलग प्राधिकरण के गठन की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से गजट नोटिफिकेशन (राजपत्र में प्रकाशन) के बाद अब इसका नाम भी तय कर दिया गया है।
इस तीर्थ विकास प्राधिकरण को ‘श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विशेष क्षेत्र’ के नाम से जाना जाएगा। इस विशेष क्षेत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर सहित आसपास के करीब 15 मोहल्ले शामिल होंगे। इन मुहल्लों की आबादी और भवन संख्या सहित पूरा ब्यौरा शासन को भेज दिया गया है।
देश की धार्मिक-सांस्कृतिक राजधानी काशी की पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान है। दुनिया की प्राचीनतम नगरी को विशेष शहर का दर्जा देते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग ने इसके सुनियोजित विकास की तैयारी की है।
इसके लिए तीर्थ विकास प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट में पहले ही पास हो चुका है। अब राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी करने के साथ इसके गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के आसपास के दशाश्वमेध और गढ़वासी टोला वार्ड के कुल 15 मोहल्लों में कितने मकान हैं, कितने परिवार हैं सहित तमाम अन्य बिंदुओं पर नगर निगम से जानकारियां मांगी गई थीं।
जिन्हें निगम प्रशासन ने शासन को भेज दिया है। विशेष प्राधिकरण के लिए अलग कार्यालय और शासन के निर्धारित मानक के अनुसार अधिकारी और कर्मचारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर विशेष क्षेत्र में शामिल होने वाले 15 मोहल्ले वीडीए और नगर निगम के दायरे से बाहर हो जाएंगे। इनके विकास का खाका प्राधिकरण ही तय करेगा। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस बारे में गाइड लाइन जारी की जा सकती है।
नगर निगम के आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने कहा कि काशी विशेष क्षेत्र के लिए दो वार्डों के 15 मोहल्लों की जानकारी मांगी गई है। इसको तैयार करके शासन को भेज दिया गया है। उस क्षेत्र को किस तरह विकसित करेंगे, नगर निगम का उसमें क्या रोल है। इस बारे में अभी कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है।
- लाहौरी टोला
- धर्मकूप
- मीरघाट
- त्रिपुरा भैरवी
- रानी भवानी गली
- शकरकंद गली
- कालिका गली
- साक्षी विनायक
- कोतवालपुरा
- पठानी टोला
- मणिकर्णिका
- ब्रह्मनाल
- पांचो पंड्या
- ज्ञानवापी
काशी के विकास के लिए एक अलग प्राधिकरण के गठन की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से गजट नोटिफिकेशन (राजपत्र में प्रकाशन) के बाद अब इसका नाम भी तय कर दिया गया है।
इस तीर्थ विकास प्राधिकरण को ‘श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विशेष क्षेत्र’ के नाम से जाना जाएगा। इस विशेष क्षेत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर सहित आसपास के करीब 15 मोहल्ले शामिल होंगे। इन मुहल्लों की आबादी और भवन संख्या सहित पूरा ब्यौरा शासन को भेज दिया गया है।
देश की धार्मिक-सांस्कृतिक राजधानी काशी की पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान है। दुनिया की प्राचीनतम नगरी को विशेष शहर का दर्जा देते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग ने इसके सुनियोजित विकास की तैयारी की है।
इसके लिए तीर्थ विकास प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट में पहले ही पास हो चुका है। अब राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी करने के साथ इसके गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के आसपास के दशाश्वमेध और गढ़वासी टोला वार्ड के कुल 15 मोहल्लों में कितने मकान हैं, कितने परिवार हैं सहित तमाम अन्य बिंदुओं पर नगर निगम से जानकारियां मांगी गई थीं।
जिन्हें निगम प्रशासन ने शासन को भेज दिया है। विशेष प्राधिकरण के लिए अलग कार्यालय और शासन के निर्धारित मानक के अनुसार अधिकारी और कर्मचारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर विशेष क्षेत्र में शामिल होने वाले 15 मोहल्ले वीडीए और नगर निगम के दायरे से बाहर हो जाएंगे। इनके विकास का खाका प्राधिकरण ही तय करेगा। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस बारे में गाइड लाइन जारी की जा सकती है।
नगर निगम के आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने कहा कि काशी विशेष क्षेत्र के लिए दो वार्डों के 15 मोहल्लों की जानकारी मांगी गई है। इसको तैयार करके शासन को भेज दिया गया है। उस क्षेत्र को किस तरह विकसित करेंगे, नगर निगम का उसमें क्या रोल है। इस बारे में अभी कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है।