वाराणसी में पासपोर्ट बनवाने के लिए दूर दराज के जिलों से आने वाले आवेदकों को अब सत्यापन के लिए मूल प्रमाणपत्रों को सहेजने से राहत मिल जाएगी। पासपोर्ट के आवेदन करते वक्त दस्तावेजों की फोटो क्लिक या स्कैन करके अपलोड की जरूरत नहीं होगी। पासपोर्ट सेवा के साथ डिजी लॉकर को एकीकृत (इंटीग्रेट) कर दिया गया है। आवेदक पासपोर्ट आवेदन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त ही डिजी लॉकर से ही दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन करते वक्त आठवें चरण में पासपोर्ट आवेदक को एनक्लोजर्स में एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और मार्कशीट की प्रति अपलोड करने का ऑप्शन दिया जाता है। उसी समय राइट साइड में अपलोड विद डिजी लॉकर का ऑप्शन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करके आवेदक इस लॉकर में मौजूद दस्तावेजों को सीधे ही अपलोड कर सकेंगे।
इससे पहले आवेदकों को इन दस्तावेजों को स्कैन करके पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना पड़ता था। साथ ही इन दस्तावेजों की ओरिजनल कॉपी और एक सेट फोटो कॉपी भी अप्वाइंटमेंट के दिन पासपोर्ट सेवा केंद्र लेकर जाना होता था। महमूरगंज स्थित पासपोर्ट कार्यालय में अन्य जिलों से आने वाले आवेदक कई बार भूल से अपने मूल प्रमाणपत्र नहीं ला पाते थे, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। वहीं, कार्यालय पहुंचने से पूर्व खो जाने का भी डर लगा रहता है। ऐसे में डिजी लॉकर की सुविधा से पासपोर्ट आवेदकों को बड़ी राहत मिली है।
13 तरह के दस्तावेज शेयर कर सकेंगे आवेदक
डिजी लॉकर के माध्यम से पासपोर्ट सेवा के लिए 13 प्रकार के दस्तावेज शेयर किए जा सकते हैं। इनमें आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पेन कार्ड, हाई स्कूल की मार्कशीट व सर्टिफिकेट, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, पेंशन प्रमाणपत्र, जीवन बीमा प्रमाणपत्र, आर्म लाइसेंस शामिल हैं।
कोरोना काल में 80 फीसदी तक ही आवेदन
कोरोना काल में लॉक डाउन और विदेशी उड़ानों पर रोक के कारण पासपोर्ट आवेदन में भी 20 से 30 फीसदी की कमी है। रोजाना 600 आवेदकों को वाराणसी पासपोर्ट सेवा केंद्र पर स्लॉट एलॉट किए जाने की सुविधा है। मगर, आवेदकों की संख्या 450 से 500 ही पहुंच रही है। यही कारण है कि आवेदन के अगले दिन ही अप्वाइंटमेंट मिल रहा है। वाराणसी में मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, वाराणसी चंदौली, भदोही, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित अन्य जिलों के निवासी पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं।
डिजी लॉकर को पासपोर्ट सेवा से इंटीग्रेटेड कर दिया गया है। लिहाजा अब आवेदक को किसी अधिकारी को अपने डिजी लॉकर से भी दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। -आसिफ हुसैन, असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर
वाराणसी में पासपोर्ट बनवाने के लिए दूर दराज के जिलों से आने वाले आवेदकों को अब सत्यापन के लिए मूल प्रमाणपत्रों को सहेजने से राहत मिल जाएगी। पासपोर्ट के आवेदन करते वक्त दस्तावेजों की फोटो क्लिक या स्कैन करके अपलोड की जरूरत नहीं होगी। पासपोर्ट सेवा के साथ डिजी लॉकर को एकीकृत (इंटीग्रेट) कर दिया गया है। आवेदक पासपोर्ट आवेदन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त ही डिजी लॉकर से ही दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन करते वक्त आठवें चरण में पासपोर्ट आवेदक को एनक्लोजर्स में एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और मार्कशीट की प्रति अपलोड करने का ऑप्शन दिया जाता है। उसी समय राइट साइड में अपलोड विद डिजी लॉकर का ऑप्शन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करके आवेदक इस लॉकर में मौजूद दस्तावेजों को सीधे ही अपलोड कर सकेंगे।
इससे पहले आवेदकों को इन दस्तावेजों को स्कैन करके पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना पड़ता था। साथ ही इन दस्तावेजों की ओरिजनल कॉपी और एक सेट फोटो कॉपी भी अप्वाइंटमेंट के दिन पासपोर्ट सेवा केंद्र लेकर जाना होता था। महमूरगंज स्थित पासपोर्ट कार्यालय में अन्य जिलों से आने वाले आवेदक कई बार भूल से अपने मूल प्रमाणपत्र नहीं ला पाते थे, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। वहीं, कार्यालय पहुंचने से पूर्व खो जाने का भी डर लगा रहता है। ऐसे में डिजी लॉकर की सुविधा से पासपोर्ट आवेदकों को बड़ी राहत मिली है।