न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Wed, 15 Jan 2020 12:17 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंगमबाड़ी मठ में होने वाले वीर शैव महाकुंभ में शामिल होंगे। वह 16 फरवरी को आएंगे। इस दौरान वह श्रीसिद्धांतशिखामणि ग्रंथ का शिवार्पण और मोबाइल एप का उद्घाटन करेंगे।
15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होने वाला यह महाकुंभ महाशिवरात्रि के दिन 21 फरवरी तक चलेगा। मंगलवार को मठ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से कार्यक्रम में आने की स्वीकृति मिल गई है।
महाकुंभ के बारे में डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि तीन हजार साल पुरानी यह पीठ काशी की मूल धरोहरों में शामिल है। 100 साल पहले तत्कालीन ज्ञान सिंहासन पीठाधीश्वर शिवाचार्य महास्वामी ने जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुलम की स्थापना की थी। 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जगद्गुरु पंचाचार्य सम्मेलन यानी वीर शैव महाकुंभ का आयोजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ शुरू होने के बाद 18 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘श्री काशी विश्वाराध्य गुरुकुलम’ पुस्तक का लोकार्पण करेंगे। कर्नाटक के सीएम वीएस येदुरप्पा, रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी सहित कई अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
महाकुंभ में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान आदि प्रांतों के वीर शैव समाज के उप अधिवेशन भी होंगे। इस दौरान दुर्लभ ग्रंथों का प्रकाशन, व्याख्यान, ज्ञान परायण, पंचपीठों के जगद्गुरु, शिवाचार्यों के आशीवर्चन के साथ ही कई पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंगमबाड़ी मठ में होने वाले वीर शैव महाकुंभ में शामिल होंगे। वह 16 फरवरी को आएंगे। इस दौरान वह श्रीसिद्धांतशिखामणि ग्रंथ का शिवार्पण और मोबाइल एप का उद्घाटन करेंगे।
15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होने वाला यह महाकुंभ महाशिवरात्रि के दिन 21 फरवरी तक चलेगा। मंगलवार को मठ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से कार्यक्रम में आने की स्वीकृति मिल गई है।
महाकुंभ के बारे में डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि तीन हजार साल पुरानी यह पीठ काशी की मूल धरोहरों में शामिल है। 100 साल पहले तत्कालीन ज्ञान सिंहासन पीठाधीश्वर शिवाचार्य महास्वामी ने जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुलम की स्थापना की थी। 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जगद्गुरु पंचाचार्य सम्मेलन यानी वीर शैव महाकुंभ का आयोजन किया गया है।