लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Varanasi News ›   Tourism got a new identity due to the threat of indigenous tourists

देशी पर्यटकों की धमक से पर्यटन को मिली नई पहचान

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Tue, 25 Jan 2022 12:30 AM IST
Tourism got a new identity due to the threat of indigenous tourists
वाराणसी। पर्यटन की अपार संभावनाओं को समेटे बनारस ने धार्मिक पर्यटन को नया आयाम दिया है। विश्वनाथ धाम, बनारस और गंगा घाटों का आकर्षण ऐसा है कि सात समंदर पार से भी सैलानी खिंचे चले आते हैं। कण-कण शंकर की संकल्पना वाले शहर का सम्मोहन हर किसी को बस अपना बना लेता है। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर काशी के पर्यटन से हम आपको रूबरू कराते हैं।

काशी ने विकास के नए आयाम के साथ ही दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दुनिया ही नहीं देश भर के पर्यटकों के टूरिस्ट डेस्टिनेशन में बनारस भी शामिल हो चुका है। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या इस बात को प्रमाणित भी करती है। काशी के पर्यटन को विकास की परियोजनाओं ने नए पंख लगा दिए हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम की बात करें तो दिसंबर में पीएम के हाथों लोकार्पण के बाद से शहर में पर्यटन की नई संभावनाएं विकसित हुई हैं। धार्मिक पर्यटन ने रोजगार के नए दरवाजे भी खुले हैं। पंचक्रोशी परिक्रमा, पावन पथ और गंगा घाट की खूबसूरती ने पर्यटन में चार चांद लगा दिए हैं।

सात समंदर पार पहुंची देव दीपावली
कोरोना की पहली लहर के बाद देव दीपावली पर काशी के अर्द्धचंद्राकार गंगा तट पर बिखरी दीयों की स्वर्णिम आभा की चमक सात समंदर पार तक बिखरी। पर्यटकों के आने का सिलसिला ऐसा रहा कि होटल और लॉज की बुकिंग फुल हो गई। काशी यात्रा पर आए हजारों श्रद्धालुओं को वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी।
23 वर्षों से लगातार काशी की पंचक्रोशी समेत अन्य धार्मिक यात्राओं का संचालन करने वाले उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के लोर्कापण का असर यह रहा कि लोकार्पण के बाद महाशिवरात्रि से ढाई गुना ज्यादा भीड़ सप्ताह भर तक धाम का दर्शन करने पहुंची।
होटल एसोसिएशन के दीपक मिश्र ने बताया कि धाम के लोकार्पण के बाद वाहनों के अलावा लॉज, होटल, धर्मशाला तक पर्यटकों से भर गए थे। कोरोना काल के बाद नौका विहार पर्यटन को नई उंचाई मिली है।
पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि पीएम मोदी के देखो मेरा देश अभियान का असर यह है कि फिलहाल दक्षिण भारत से आने वाले विमान फुल हैं। अब काशी का पर्यटन सिर्फ विदेशी पर्यटकों के सहारे नहीं रहा।
विज्ञापन
बढ़ी है सामानों की बिक्री, वेडिंग डेस्टिनेशन बनी काशी
लकड़ी के खिलौना नेशनल अवार्डी रामेश्वर सिंह और स्टेट अवार्डी गोदावरी सिंह, धर्मराज, चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा, ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि अब 80 प्रतिशत देशी पर्यटक हैं। बनारसी साड़ी, लकड़ी खिलौना उद्योग, आरती के समानों की बिक्री बढ़ी है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोविड के कारण पर्यटन उद्योग को नुकसान हुआ, लेकिन यह हमेशा नहीं रहने वाला। काशी में वैवाहिक पर्यटन बढ़ा है। वैवाहिक समारोह के लिए लोग काशी का चयन कर रहे हैं। जिससे वैवाहिक पर्यटक बढ़े हैं। होटलों ने कुछ ही दिनों में अपनी कमी की भरपाई कर ली है।
अनुमानित आंकड़े 2020-2021
लकड़ी के खिलौने में 30 से 35 प्रतिशत बढ़ोतरी
पूजा पात्र 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी
बनारसी साड़ी 28 से 32 प्रतिशत बढ़ोतरी
गुलाबी मीनाकारी 60 प्रतिशत बढ़ोतरी
जरी जरदोजी 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed