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विश्व मधुमेह दिवस: बड़ों में ही नहीं, अब बच्चों और किशोरों में मधुमेह का खतरा, हर सप्ताह आ रहे पांच केस
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Fri, 14 Nov 2025 06:07 PM IST
सार
Varanasi News: मधुमेह का खतरा अब केवल बड़ों में ही नहीं, बच्चों और किशोरों में भी है। ऐसे में डॉक्टरों ने संक्रमण संबंधी बीमारी के उपचार में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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विश्व मधुमेह दिवस 2025
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
तेजी से बदलती जीवनशैली में मधुमेह बीमारी ने भी अपना लक्ष्य समूह बदल लिया है। अब बच्चों और किशोरों को भी मधुमेह अपनी गिरफ्त में ले रहा है। बीएचयू अस्पताल में हर सप्ताह ऐसे पांच केस आ रहे हैं जिनमें मधुमेह के लक्षण मिल रहे हैं और उनकी उम्र 20 साल से भी कम है। पहले जहां मधुमेह को बड़े लोगों की बीमारी मानी जाती थी वहीं अब इसका प्रभाव बच्चों और किशोरों में भी देखने को मिल रहा है।
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मधुमेह के प्रति जागरूकता को लेकर हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। विशेषज्ञ इसको साइलेंट किलर के रूप में भी बताते हैं। ऐसे में सेहत के प्रति सावधानी बरतनी जरूरी है। जरा सी लापरवाही कई बीमारियों और मौत का कारण बन रही है।
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मधुमेह की बीमारी बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी बढ़ती जा रही है। प्रो. एनके अग्रवाल ने बताया कि बच्चों और किशोरों में इन दोनों टाइप वन डायबिटीज का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए अभिभावकों को भी जागरूक रहने की सलाह दी जाती है।
आईएमएस बीएचयू स्थित इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एनके अग्रवाल का कहना है कि अगर किसी बच्चे में सांस रोग या अन्य वायरल इंफेक्शन होता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही बीटा सेल को खत्म करने लगता है। इससे शरीर में इंसुलिन नहीं बन पाता। इंसुलिन की क्षमता भी कम हो जाती है जिससे शुगर होने की संभावना बढ़ जाती है। बड़ों में अनियमित जीवन शैली, मोटापा और सही खानपान न होना भी वजह होता है।