बागेश्वर। जिले में मानसून के सीजन की शुरूआत हो गई है। हिमालयी क्षेत्र से सटे कपकोट क्षेत्र में रोजाना हो रही बारिश का असर सड़कों पर भी पड़ने लगा है। क्षेत्र के दो मोटर मार्गों में मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। सरयू नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। बारिश के बाद धान की रोपाई का काम भी जोरशोर से चल रहा है।
रविवार की रात को बागेश्वर और कपकोट विकासखंड क्षेत्र में भारी बारिश हुई। सोमवार की सुबह तक कपकोट में 62.50 और बागेश्वर में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश से कपकोट तहसील क्षेत्र की भानी-हरसिंगियाबगड़ और हरसीला-पुड़कूनी मोटर मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने के कारण सड़क बंद हो गई, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कट गया। हालांकि बारिश होने के बाद क्षेत्र में रोपाई का काम तेज हो गया है। नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक किसान हुड़किया बोल के साथ खेतों में धान की रोपाई कर रहे हैं। रोजाना हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। हालांकि जिला मुख्यालय में कम बारिश होने के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।
कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद सरयू नदी का जलस्तर बढ़कर 865.50 मीटर हो गया है। नदी का पानी मटमैला होने से कुछ स्थानों में लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि दोनों बंद सड़कों में मलबा हटाने का काम चल रहा है। जल्द ही यातायात सुचारु करा दिया जाएगा।
बागेश्वर। जिले में मानसून के सीजन की शुरूआत हो गई है। हिमालयी क्षेत्र से सटे कपकोट क्षेत्र में रोजाना हो रही बारिश का असर सड़कों पर भी पड़ने लगा है। क्षेत्र के दो मोटर मार्गों में मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। सरयू नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। बारिश के बाद धान की रोपाई का काम भी जोरशोर से चल रहा है।
रविवार की रात को बागेश्वर और कपकोट विकासखंड क्षेत्र में भारी बारिश हुई। सोमवार की सुबह तक कपकोट में 62.50 और बागेश्वर में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश से कपकोट तहसील क्षेत्र की भानी-हरसिंगियाबगड़ और हरसीला-पुड़कूनी मोटर मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने के कारण सड़क बंद हो गई, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कट गया। हालांकि बारिश होने के बाद क्षेत्र में रोपाई का काम तेज हो गया है। नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक किसान हुड़किया बोल के साथ खेतों में धान की रोपाई कर रहे हैं। रोजाना हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। हालांकि जिला मुख्यालय में कम बारिश होने के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।
कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद सरयू नदी का जलस्तर बढ़कर 865.50 मीटर हो गया है। नदी का पानी मटमैला होने से कुछ स्थानों में लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि दोनों बंद सड़कों में मलबा हटाने का काम चल रहा है। जल्द ही यातायात सुचारु करा दिया जाएगा।