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Chamoli News: अनसूया मेला आज, भव्य रूप से सजाया मंदिर
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Tue, 02 Dec 2025 07:12 PM IST
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फोटो
संतान कामना के लिए दंपतियों का पंजीकरण सुबह आठ बजे से होगा शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। दत्तात्रेय जयंती पर सती शिराेमणी माता अनसूया का दो दिवसीय मेला तीन दिसंबर से शुरू होगा। मेले के लिए माता अनसूया मंदिर को फूलों और लाइटों से भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर समिति और प्रशासन ने मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
बुधवार को मंडल में अनसूया द्वार पर मेले का उद्घाटन और सभी देव डोलियों का मिलन दोपहर दो बजे होगा। ढाई बजे देव डोलियां अनसूया मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी। वहीं संतान की कामना लेकर आने वाले दंपती (बरोही) का सुबह आठ बजे से पंजीकरण शुरू होगा। शाम पांच बजे देव डोलियां मंदिर में प्रवेश करेंगी। सायंकालीन विशेष पूजा आरती महायोग और प्रसाद वितरण, पंजीकृत बरोहियों का मंदिर में आमंत्रण और बैठने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं मेला मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट और सचिव सुदर्शन सिंह तोपाल ने बताया कि चार दिसंबर को प्रात:कालीन पूजा होगी। दोपहर बाद देव डोलियां विदा होंगी। इस अनुष्ठान में दंपतियों की संतान कामना पूरा होती है। अनुष्ठान के दौरान जिस महिला को सपने में माता दर्शन देती हैं वह चुपके से उठकर बाहर आ जाती हैं। यह प्रक्रिया पूरी रात चलती है। सुबह दंपती माता की डोलियों की पूजा-अर्चना करने के बाद लौट जाते हैं।
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बणद्वारा की देव डोली आई मंदिर से बाहर
- अनसूया मेले में क्षेत्र के विभिन्न गांवों की देव डोलियां पहुंचती हैं। मंगलवार को बणद्वारा की ज्वाला देवी की डोली को विधि विधान के साथ मंदिर से बाहर लाया गया। पूजा अर्चना के बाद उन्हें देव दर्शनों के लिए रखा गया है। इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंवर सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष अमित सिंह रावत, ग्राम प्रधान नितिन नेगी, पुजारी अभिषेक तिवारी, संदीप, बचन सिंह सहित ग्रामीण मौजूद रहे।
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संतान कामना के लिए दंपतियों का पंजीकरण सुबह आठ बजे से होगा शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। दत्तात्रेय जयंती पर सती शिराेमणी माता अनसूया का दो दिवसीय मेला तीन दिसंबर से शुरू होगा। मेले के लिए माता अनसूया मंदिर को फूलों और लाइटों से भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर समिति और प्रशासन ने मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
बुधवार को मंडल में अनसूया द्वार पर मेले का उद्घाटन और सभी देव डोलियों का मिलन दोपहर दो बजे होगा। ढाई बजे देव डोलियां अनसूया मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी। वहीं संतान की कामना लेकर आने वाले दंपती (बरोही) का सुबह आठ बजे से पंजीकरण शुरू होगा। शाम पांच बजे देव डोलियां मंदिर में प्रवेश करेंगी। सायंकालीन विशेष पूजा आरती महायोग और प्रसाद वितरण, पंजीकृत बरोहियों का मंदिर में आमंत्रण और बैठने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं मेला मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट और सचिव सुदर्शन सिंह तोपाल ने बताया कि चार दिसंबर को प्रात:कालीन पूजा होगी। दोपहर बाद देव डोलियां विदा होंगी। इस अनुष्ठान में दंपतियों की संतान कामना पूरा होती है। अनुष्ठान के दौरान जिस महिला को सपने में माता दर्शन देती हैं वह चुपके से उठकर बाहर आ जाती हैं। यह प्रक्रिया पूरी रात चलती है। सुबह दंपती माता की डोलियों की पूजा-अर्चना करने के बाद लौट जाते हैं।
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बणद्वारा की देव डोली आई मंदिर से बाहर
- अनसूया मेले में क्षेत्र के विभिन्न गांवों की देव डोलियां पहुंचती हैं। मंगलवार को बणद्वारा की ज्वाला देवी की डोली को विधि विधान के साथ मंदिर से बाहर लाया गया। पूजा अर्चना के बाद उन्हें देव दर्शनों के लिए रखा गया है। इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंवर सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष अमित सिंह रावत, ग्राम प्रधान नितिन नेगी, पुजारी अभिषेक तिवारी, संदीप, बचन सिंह सहित ग्रामीण मौजूद रहे।