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Haridwar News: हाईवे किनारे पंचर बनाने वाले से लेकर बड़े होटल के कर्मचारी भी सीखेंगे प्राथमिक उपचार का तरीका

Dehradun Bureau देहरादून ब्यूरो
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:57 PM IST
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From the puncture repairer on the highway to the staff of a big hotel, everyone will learn first aid.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने टीम के साथ लोगों को जागरूकत करतीं एआरटीओ नेहा झा। श्रोत विभाग
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सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली अधिकांश मौतों का मुख्य कारण यह है कि पीड़ित को सही समय पर प्राथमिक उपचार (गोल्डन आवर सहायता) नहीं मिल पाता। हरिद्वार में इस मृत्यु दर को कम करने के लिए एआरटीओ (प्रवर्तन) नेहा झा ने एक विशेष कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित स्थानीय लोगों और कारोबारियों को प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित करने का खाका तैयार किया है।
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योजना के तहत हाईवे किनारे मौजूद होटल कर्मचारी, छोटे व्यवसायी और यहां तक कि फल सब्जी बेचने वालों से लेकर पंक्चर बनाने वालों तक को को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें यह जानकारी दी जाएगी कि दुर्घटना होने पर वे बिना समय गंवाए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करें। इसके साथ ही उन्हें यह भी सिखाया जाएगा कि अति गंभीर व्यक्ति को घटनास्थल पर तत्काल किस तरह प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है। जिसमें सीपीआर देने के तरीके भी शामिल होंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से भी मदद ली जाएगी। इस पहल से आपातकालीन टीम के पहुंचने से पहले स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी या हाईवे संस्थानों के कर्मचारी पहले प्राथमिक उपचार शुरू कर सकेंगे।
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एआरटीओ नेहा झा ने बताया कि जिलाधिकारी मयूरी दीक्षित के निर्देशों के अनुरूप पहले उन ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों) को चिन्हित किया जा रहा है जहां हादसों और मृत्यु दर को कम करने की आवश्यकता है। ब्लैक स्पॉट के आसपास किसी स्थानीय संस्थान को चिन्हित किया जाएगा और वहां स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राप्त फर्स्ट एड बॉक्स रखा जाएगा।इन स्थानों पर कार्यरत लोगों को विशेष रूप से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के खून अधिक बहने पर रक्तस्त्राव को कैसे कम किया जाए और बैंडेज कैसे बांधी जाए। इसके अतिरिक्त स्कूल-कॉलेज और रेडक्रॉस समिति से जुड़े स्वयंसेवकों को भी इस कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।



टोल फ्री नंबर और फर्स्ट एड जानकारी का बोर्ड भी लगेगा

एआरटीओ प्रवर्तन नेहा झा ने बताया कि जिले की सीमा से लेकर अंतिम छोर तक यह व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी को आपातकालीन जानकारी उपलब्ध हो। चिह्नित स्थानों पर बोर्ड लगाए जाएंगे जिन पर हेल्पलाइन नंबर और आसपास उपलब्ध फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था का स्पष्ट उल्लेख होगा। कोशिश यह रहेगी कि ये सूचना बोर्ड विशेष रूप से ब्लैक स्पॉट के आसपास लगाए जाएं। एआरटीओ ने कहा कि इस पूरी कार्ययोजना का प्रस्ताव जल्द ही जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा। यदि यह सफल होती है, तो निश्चित तौर पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने में महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी।
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