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सवाल: क्या सिर्फ नोटिस जारी करना ही है विकास? आम आदमी का घर का सपना धूमिल; 169 नोटिसों ने बढ़ाई मुश्किलें

अमर उजाला नेटवर्क, हल्द्वानी Published by: हीरा मेहरा Updated Wed, 12 Nov 2025 11:16 AM IST
सार

हल्द्वानी में घर बनाने या मरम्मत कराने की प्रक्रिया प्राधिकरण की ओर से जारी किए जा रहे नोटिसों के कारण कठिन हो गई है। पिछले तीन महीनों में 646 नक्शों में से केवल 343 स्वीकृत हुए, जबकि 291 लंबित हैं। 

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The dream of building a house in Haldwani has become difficult due to the notices being issued by authority
नोटिस। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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यदि आप अपने सपनों का आशियाना बनाने या फिर पुराने मकान की मरम्मत कराने की योजना बना रहे हैं तो एक बार और सोच लिजिए। हल्द्वानी में आम लोगों के लिए घर बनाना इतना आसान नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राधिकरण घर बनाने वालों के साथ नोटिस-नोटिस खेल रहा है। विकास के नाम पर प्राधिकरण में नोटिस का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पिछले तीन माह में प्राधिकरण के स्थानीय दफ्तर में 646 नक्शे स्वीकृत होने के लिए आए जिसमें से 343 को स्वीकृति मिली और 291 अब भी लंबित हैं। तीन माह में प्राधिकरण ने 169 लोगों को नोटिस भेजे जिसमें 78 आवासीय व 91 व्यवसायिक निर्माण के थे। इस बीच छह आवासीय व चार व्यावसायिक भवन सील किए गए। नोटिस-नोटिस के इस खेल का खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है और लोग प्राधिकरण दफ्तर के चक्कर काटने के लिए मजबूर है। ऐसे में लोगों का घर का सपना फाइलों में धूल फांक रहा है।

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आधे से अधिक निर्माण होने पर ही कार्रवाई क्यों?
प्राधिकरण के अभियंताओं की कार्यप्रणाली भी गजब है। जब कोई व्यक्ति बगैर नक्शा स्वीकृत कराए निर्माण कार्य शुरू करता है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। जब वह लाखों रुपये खर्च कर आधा या फिर पूरा निर्माण कार्य कर लेता है तो अभियंता कार्रवाई करने मौके पर पहुंच जाते हैं। यहीं से शुरू होता है नोटिस-नोटिस का खेल। सवाल यह है कि जब अवैध निर्माण शुरू होता है तो उसी वक्त कार्रवाई क्यों नहीं होती?। स्थानीय लोग बताते हैं कि बड़े लोगों के अवैध निर्माण तोड़े नहीं जाते हैं। केवल नोटिस देने के बाद कागजों में नियम पूरे कर सेटलमेंट कर दिया जाता है।

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चोरी छुपे हो रही है कार्रवाई
प्राधिकरण के अभियंता अवैध निर्माण के खिलाफ जो कार्रवाई करते हैं, मीडिया को उसकी सूचना देने की जरूरत नहीं समझते। कुछ दिन पहले ही मुखानी के समीप प्राधिकरण ने अवैध रूप से बनाए गए अस्पताल भवन को सील किया था। जब इस संबंंध में संबंधित अभियंता से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी बताने की जरूरत नहीं समझी।

सूचना मिलते ही धमक जाते हैं इंजीनियर
नगर निगम और इसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध निर्माण की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के अभियंता मौके पर पहुंच जाते हैं। अभियंता कब और कहां छापा मारने जा रहे हैं, इसकी भनक महकमे के अफसरों को भी नहीं लगती। भवन निर्माण स्वीकृति संबंधित दस्तावेज न दिखा पाने की स्थिति में संबंधित भवन स्वामी को तुरंत नोटिस भेज दिया जाता है। बाद में लोग नोटिस लेकर प्राधिकरण दफ्तर के चक्कर काटते रहते हैं।

मेयर भी उठा चुके हैं प्राधिकरण का मुद्दा
मेयर गजराज सिंह बिष्ट भी पूर्व में काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में हुई एक बैठक में सांसद अजय भट्ट के समक्ष प्राधिकरण अफसरों की मनमानी पर शिकायत दर्ज करा चुके हैं। तब मेयर का कहना था कि प्राधिकरण शहर में प्रभावशाली लोगों के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं करता। गरीब व्यक्ति यदि घर की मरम्मत भी कराए तो उसे नोटिस भेजकर उसका काम रोक दिया जाता है।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से आम जनता परेशान है। हर दिन मेरे पास कोई न कोई व्यक्ति प्राधिकरण की शिकायतें लेकर आता है। आम आदमी इसमें पिस रहा है। लोग चाहते हैं कि नक्शा स्वीकृत कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। सीमा विस्तार पर भी रोक लगे। इसके लिए मुख्यमंत्री से मांग भी की गई है। -सरिता आर्या, विधायक नैनीताल

प्राधिकरण के नियम बाहर के लोगों के लिए लागू हों। स्थानीय जनता को इसमें प्राथमिकता मिले। बाहर के लोग तो यहां आसानी से मकान बना ले रहे हैं लेकिन जब स्थानीय लोग मकान बनाते हैं तो उन्हें नोटिस भेज दिया जाता है। मैंने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया है। -राम सिंह कैड़ा, विधायक भीमताल।

प्राधिकरण को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती रहती हैं। अधिकारियों व अभियंताओं को अपनी कार्यप्रणाली सुधारनी चाहिए और ताकि आम जनता को किसी तरह की दिक्कतें न हों और आसानी से उनके भवन मानचित्र स्वीकृत हो जाएं। - बंशीधर भगत, विधायक कालाढूंगी

पूर्व में भी हमने प्राधिकरण का विरोध किया था। तब ग्रामीण क्षेत्रों को इसकी परिधि से हटा दिया गया था। अब फिर से प्राधिकरण के अभियंता गांवों में आने लगे हैं। कृषि और पशुपालन वाले गांवों में प्राधिकरण लागू नहीं होना चाहिए। सीएम से कहकर इसे हटवाएंगे। -डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, विधायक लालकुआं

 

 

भाजपा के नेता भी सार्वजनिक मंचों से बोल चुके हैं कि प्राधिकरण जनता के लिए अभिशाप बन चुका है। भूमि फ्री होल्ड कराने के बाद भी प्राधिकरण ने तीन सौ लोगों को नोटिस भेजे हैं। अधिकारी नोटिस पर नोटिस भेजकर जनता में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। - सुमित हृदयेश, विधायक हल्द्वानी।

 

 

 

प्राधिकरण की शर्ते और शुल्क के कारण लोग परेशान रहते हैं। लोगों की सुविधा के लिए सभी विधायक प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार वार्ता कर रहे हैं। जल्द ही प्राधिकरण के नियम और शुल्क में कमी के साथ सरलीकरण की कार्रवाई की जाएगी। - दीवान सिंह बिष्ट, विधायक रामनगर

 

 

 

क्या बोले अधिकारी-

 

 

प्राधिकरण की ओर से दिए जा रहे नोटिस के मामले को रिव्यू किया जाएगा। अनावश्यक रूप से आपत्ति लगाकर नक्शे लटकाने वाले अभियंताओं को चिह्नित कर उन्हें दंडित किया जाएगा। जो नक्शे बेवजह लटकाए गए हैं, उन्हें जल्द स्वीकृत किया जाएगा। - दीपक रावत, आयुक्त

 

नक्शा स्वीकृत कराए बगैर निर्माण कराने पर ही संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा जाता है। बेवजह किसी को नोटिस जारी नहीं किया जाता। घरेलू निर्माण कार्य का नक्शा 30 दिन में स्वत: स्वीकृत हो जाता है। मानचित्र में कमी होने की स्थिति में नक्शा ऑटो रिजेक्ट हो जाता है। -विजय नाथ शुक्ला, सचिव जिला विकास प्राधिकरण, नैनीताल
 

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