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Pithoragarh News: नियमों के मुताबिक भवन कर न देने पर 141 सरकारी कार्यालयों को नोटिस
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:01 PM IST
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पिथौरागढ़। आवासीय भवनों के साथ सरकारी कार्यालयों का भी नियमों के मुताबिक भवन कर नहीं मिल रहा है। सरकारी कार्यालय खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। अब नगर निगम ने सरकारी कार्यालयों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम ने नगर में नियमों के मुताबिक भवन कर जमा न करने वाले 141 सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी किए गए हैं।
दरअसल, बीते दिनों नगर निगम ने नगर में आवासीय भवनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ ही सरकारी कार्यालयों का जीआई सर्वे किया था। निगम के मुताबिक पूर्व में अधिकांश सरकारी कार्यालयों में सीमित कक्ष थे लेकिन अब इनका विस्तार हो चुका है। कार्यालयों में अतिरिक्त कक्षों और भवनों का निर्माण तो हुआ लेकिन संबंधित विभागों ने इनका रिकाॅर्ड नगर निगम में दर्ज कराने के साथ ही नियमों के मुताबिक भवन कर देने से हाथ पीछे खींचे हैं। नगर के ऐसे ही 141 सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द भवन कर जमा कराने को कहा गया है।
एक हजार से अधिक भवन स्वामियों से 20 लाख वसूले
नगर निगम के रिकाॅर्ड में पूर्व में 11,000 आवासीय भवन, व्यापारिक प्रतिष्ठान और सरकारी कार्यालय दर्ज थे। जीआई सर्वे के बाद इनकी संख्या 18,000 से अधिक मिली है। ऐसे में साफ है कि सात हजार भवनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों का भवन कर नगर निगम को नहीं मिल रहा है। जब नगर निगम ने नियमों के मुताबिक भवन कर वसूलना शुरू किया तो एक हजार भवनों से ही भवन कर के रूप में 20 लाख रुपये मिल गए। यदि सभी भवनों और सरकारी कार्यालयों का निमयों के मुताबिक भवन कर मिला तो निगम को सालाना 67 लाख रुपये का राजस्व मिलेगा।
...तो भवन स्वामियों को दर्ज करानी होगी आपत्ति
नगर निगम के मुताबिक जीआई सर्वे में हर भवन की माप, कक्षों की संख्या और भूमि सहित अन्य जानकारी दर्ज की गई है। यदि इसके बाद भी किसी भवन स्वामी को इसमें आपत्ति होगी तो वह नगर निगम में इसकी शिकायत दर्ज करा सकता है। नगर निगम इसके तहत भवन, भूमि की माप के साथ कक्षों की सभी जानकारी उसे देगा। साफ है कि अब भवन स्वामी और सरकारी कार्यालय नियमों के मुताबिक भवन कर देने से हाथ पीछे नहीं खींच सकते।
कोट
नियमों के मुताबिक भवन कर जमा न करने वाले आवासीय भवन स्वामियों के साथ ही सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जीआई सर्वे में हर भवन और सरकारी कार्यालयों की माप सहित अन्य सभी जानकारी दर्ज हैं। इसी आधार पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। - राजदेव जायसी, सहायक नगर आयुक्त, पिथौरागढ़
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दरअसल, बीते दिनों नगर निगम ने नगर में आवासीय भवनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ ही सरकारी कार्यालयों का जीआई सर्वे किया था। निगम के मुताबिक पूर्व में अधिकांश सरकारी कार्यालयों में सीमित कक्ष थे लेकिन अब इनका विस्तार हो चुका है। कार्यालयों में अतिरिक्त कक्षों और भवनों का निर्माण तो हुआ लेकिन संबंधित विभागों ने इनका रिकाॅर्ड नगर निगम में दर्ज कराने के साथ ही नियमों के मुताबिक भवन कर देने से हाथ पीछे खींचे हैं। नगर के ऐसे ही 141 सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द भवन कर जमा कराने को कहा गया है।
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एक हजार से अधिक भवन स्वामियों से 20 लाख वसूले
नगर निगम के रिकाॅर्ड में पूर्व में 11,000 आवासीय भवन, व्यापारिक प्रतिष्ठान और सरकारी कार्यालय दर्ज थे। जीआई सर्वे के बाद इनकी संख्या 18,000 से अधिक मिली है। ऐसे में साफ है कि सात हजार भवनों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों का भवन कर नगर निगम को नहीं मिल रहा है। जब नगर निगम ने नियमों के मुताबिक भवन कर वसूलना शुरू किया तो एक हजार भवनों से ही भवन कर के रूप में 20 लाख रुपये मिल गए। यदि सभी भवनों और सरकारी कार्यालयों का निमयों के मुताबिक भवन कर मिला तो निगम को सालाना 67 लाख रुपये का राजस्व मिलेगा।
...तो भवन स्वामियों को दर्ज करानी होगी आपत्ति
नगर निगम के मुताबिक जीआई सर्वे में हर भवन की माप, कक्षों की संख्या और भूमि सहित अन्य जानकारी दर्ज की गई है। यदि इसके बाद भी किसी भवन स्वामी को इसमें आपत्ति होगी तो वह नगर निगम में इसकी शिकायत दर्ज करा सकता है। नगर निगम इसके तहत भवन, भूमि की माप के साथ कक्षों की सभी जानकारी उसे देगा। साफ है कि अब भवन स्वामी और सरकारी कार्यालय नियमों के मुताबिक भवन कर देने से हाथ पीछे नहीं खींच सकते।
कोट
नियमों के मुताबिक भवन कर जमा न करने वाले आवासीय भवन स्वामियों के साथ ही सरकारी कार्यालयों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जीआई सर्वे में हर भवन और सरकारी कार्यालयों की माप सहित अन्य सभी जानकारी दर्ज हैं। इसी आधार पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। - राजदेव जायसी, सहायक नगर आयुक्त, पिथौरागढ़