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Pithoragarh News: सिस्टम उदासीन... 50 साल में भी कुछ नहीं बदला जनाब
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Tue, 11 Nov 2025 11:22 PM IST
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कनालीछीना-देवलथल मोटर मार्ग। संवाद
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कनालीछीना (पिथौरागढ़)। उदासीन सिस्टम के चलते दो तहसीलों के गांवों को विकासखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली कनालीछीना-देवलथल सड़क 50 बाद भी नहीं बन सकी है। 16 किलाेमीटर लंबे इस मार्ग की बदहाली से क्षेत्र के लोग तकलीफ झेलने को विवश हैं। यह मार्ग देवलथल में थल-सातसिलिंग स्टेट हाईवे से तो कनालीछीना में पिथौरागढ़-धारचूला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ता है।
वर्ष 1974 में निर्माण बाद क्षेत्र की 10 हजार की आबादी को राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। सड़क के निर्माण और इसके बाद सुधारीकरण में अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी सड़क की बदहाली दूर नहीं हो सकी है। मार्ग में 20 से अधिक डेंजर जोन हैं, जहां पैरापिट तक नहीं बने हैं। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं मगर लोनिवि मौन है। बिसौनाखान, चौपाता सहित कई स्थानों पर सड़क की हालत दयनीय है। जगह-जगह सुरक्षा दीवारें टूटी हैं।
छोटे वाहन तो किसी तरह निकल जाते हैं लेकिन बड़ी गाड़ियों की आवाजाही किसी खतरे से कम नहीं है। बारिश में तो इस सड़क पर सभी वाहन और यात्री जान जोखिम में आवाजाही करने के लिए मजबूर होते हैं। समय-समय पर पेच वर्क होता है लेकिन कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने से गड्ढे नजर आते हैं। लोगों का कहना है कि यह सड़क सिर्फ सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए ही बनी है।
बोले लोग
यह दुर्भाग्य है कि 50 साल से इस सड़क को लावारिस हाल में छोड़ दिया गया है। एक तरफ धारचूला और दूसरी तरफ थल-मुवानी जैसे इलाकों को जोड़ने के लिए भी यह सड़क महत्वपूर्ण है। - हरी राम, कनालीछीना
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केवल कनालीछीना-देवलथल क्षेत्र ही नहीं आबादी के एक बड़े हिस्से को इस मार्ग की दशा सुधरने से काफी लाभ मिल सकता है। विभाग, शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का रवैया इस समस्या को लेकर उदासीन है। - रविंद्र कुमार, ग्राम प्रधान, ख्वांतड़ी
कोट
कनालीछीना-देवलथल सड़क पर डामरीकरण, सुरक्षा दीवार और कॉजवे के निर्माण के लिए 1.46 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद ही यह कार्य संभव है। - दिनेश गोस्वामी, अवर अभियंता, लोनिवि, पिथौरागढ़
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वर्ष 1974 में निर्माण बाद क्षेत्र की 10 हजार की आबादी को राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। सड़क के निर्माण और इसके बाद सुधारीकरण में अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी सड़क की बदहाली दूर नहीं हो सकी है। मार्ग में 20 से अधिक डेंजर जोन हैं, जहां पैरापिट तक नहीं बने हैं। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं मगर लोनिवि मौन है। बिसौनाखान, चौपाता सहित कई स्थानों पर सड़क की हालत दयनीय है। जगह-जगह सुरक्षा दीवारें टूटी हैं।
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छोटे वाहन तो किसी तरह निकल जाते हैं लेकिन बड़ी गाड़ियों की आवाजाही किसी खतरे से कम नहीं है। बारिश में तो इस सड़क पर सभी वाहन और यात्री जान जोखिम में आवाजाही करने के लिए मजबूर होते हैं। समय-समय पर पेच वर्क होता है लेकिन कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने से गड्ढे नजर आते हैं। लोगों का कहना है कि यह सड़क सिर्फ सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए ही बनी है।
बोले लोग
यह दुर्भाग्य है कि 50 साल से इस सड़क को लावारिस हाल में छोड़ दिया गया है। एक तरफ धारचूला और दूसरी तरफ थल-मुवानी जैसे इलाकों को जोड़ने के लिए भी यह सड़क महत्वपूर्ण है। - हरी राम, कनालीछीना
केवल कनालीछीना-देवलथल क्षेत्र ही नहीं आबादी के एक बड़े हिस्से को इस मार्ग की दशा सुधरने से काफी लाभ मिल सकता है। विभाग, शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का रवैया इस समस्या को लेकर उदासीन है। - रविंद्र कुमार, ग्राम प्रधान, ख्वांतड़ी
कोट
कनालीछीना-देवलथल सड़क पर डामरीकरण, सुरक्षा दीवार और कॉजवे के निर्माण के लिए 1.46 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद ही यह कार्य संभव है। - दिनेश गोस्वामी, अवर अभियंता, लोनिवि, पिथौरागढ़