देश में अब तक हुए जघन्य अपराधों में से 1857 की क्रांति में मारे गए भारतीय सैनिकों की घटना को वैज्ञानिकों ने पहले नंबर पर माना है। वैज्ञानिक तरीके से उन्होंने यह साबित किया है कि इस घटना के जरिए मानवाधिकार को तार-तार किया गया। 282 सैनिकों की हत्या कर उनके शव एक कुएं में डाल दिए गए जबकि मानवाधिकारों के तहत इन सैनिकों के शवों का बाकायदा अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए था।