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जांजगीर-चांपा में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की हुई शुरुआत, सोते नजर आए सत्य नारायण शर्मा
जांजगीर-चांपा जिले में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान की शुरुआत हो गई है। AICC के निर्देश पर उत्तर प्रदेश से आब्जर्वर के रूप में विवेक बंसल जांजगीर पहुंचे हैं। उनके साथ पर्यवेक्षक के तौर पर सत्यनारायण शर्मा, इंग्रिड मेकलाउड और विधायक जनक ध्रुव भी मौजूद हैं। इस बीच सत्यनारायण शर्मा सोते नजर आए तब पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि वे अभी चिंतन कर रहे हैं। संगठन सृजन कार्यक्रम से पहले विवेक बंसल ने मीडिया से चर्चा की, लेकिन उससे पहले नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने उन्हें सलाह दी कि मीडिया से केवल संगठन के मुद्दों पर ही बात करें और राज्य सरकार या कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर कोई टिप्पणी न करें। प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब AICC संगठन को मज़बूत करने की दिशा में सक्रिय हो गई है। इसी क्रम में देशभर में आब्जर्वर जिला स्तर पर भेजे जा रहे हैं। जांजगीर में पहुंचे विवेक बंसल ने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, लेकिन संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो गया है। इसीलिए राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे देश में संगठन सृजन की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि अगले पांच दिनों तक जिले के कार्यकर्ताओं, सामाजिक और व्यापारी वर्ग के लोगों से राय ली जाएगी। किसी भी नेता की सिफारिश नहीं चलेगी — बल्कि छोटे-से-छोटे कार्यकर्ता की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। विवेक बंसल ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से एकता का संदेश दिया और “वोट चोर गद्दी छोड़ो” का नारा कोई आरोप नहीं, बल्कि सबूतों पर आधारित सच्चाई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर ईडी और चुनाव आयोग के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि पहली बार कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। पहले संगठन कुछ बड़े नेताओं के इशारे पर चलता था, जिसके कारण कांग्रेस राज्य और केंद्र में सत्ता से दूर रही। अब AICC स्तर से निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि बैठक में एक बार फिर वही चेहरे सक्रिय नजर आए जो बड़े नेताओं के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में कांग्रेस के कई समर्पित कार्यकर्ताओं में निराशा देखी गई, जो बिना किसी स्वार्थ के संगठन के लिए काम करते हैं लेकिन नेतृत्व के नज़दीक नहीं हैं।
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