भारतीय बैंकिंग इतिहास में ऐसा पहली होगा जब एक सरकारी बैंक दूसरे बैंक को डिफॉल्टर की कैटेगरी में डालेगा। दरअसल पीएनबी की तरफ से जारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स यानि एलओयू के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने करीब 1000 करोड़ रुपए के लोन दिया था, जिनकी अदायगी 31 मार्च तक करनी है। लेकिन सवाल ये है कि अगर यूनियन बैंक की डिफॉल्टर लिस्ट में पीएनबी जाता है तो इसका आउटकम क्या होगा। क्या इससे पीएनबी की सेहत पर किसी तरह का प्रभाव पड़ेगा या फिर सरकार और आरबीआई बीच-बचाव कर दोनों बैंकों की स्थिति को सुलझा लेंगे।