वामन द्वादशी पर्व पर भगवान बदरीनाथ अपने हजारों भक्तों के साथ अपनी माता मूर्ति से मिलने के लिए छह घंटे के लिए अपना घर छोड़ दिया। इस दौरान बदरीनाथ धाम के कपाट भी छह घंटे तक बंद रहे। माता से से मिलने के बाद पुन: बदरीनाथ धाम में विराजमान हो गए। माता मूर्ति मंदिर में दिनभर जय बदरीनाथ के जयकारे गूंजते रहे।