आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण के साथ पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए शनिवार को काशी के पिशाच मोचन कुंड पर किन्नरों ने पहली बार पिंडदान किया। कुंड पर किन्नरों ने त्रिपिंडी श्राद्ध किया। ताकि उनके ज्ञात-अज्ञात पूर्वजों की भटकती आत्मा को मुक्ति मिल सके।