सनातन हिंदू एकता यात्रा के दौरान बागेश्वर महाराज का मानवीय रूप देखने को मिला। यात्रा के दूसरे दिन देशभर से आए श्रद्धालुओं के बीच एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। दरअसल, पदयात्रा में शामिल करण कुशवाहा, निवासी छतरपुर, चलते-चलते चोटिल हो गए। उनके बाएँ पैर के अंगूठे में चोट लग गई थी। जब बागेश्वर महाराज को इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने यात्रा को रोक दिया और करण को अपने पास बुलाया। इसके बाद महाराज ने सड़क पर नीचे बैठकर खुद उनके अंगूठे की मरहम-पट्टी की और उपचार किया। इस घटना को देखकर मौजूद श्रद्धालु भावुक हो उठे। सभी ने महाराज के इस विनम्र और सेवाभावी रूप की सराहना की।
जानिए कहां-कहां जाएगी यह यात्रा ?
8 नवंबरः फरीदाबाद के बायोटेक कॉलेज से फरीदाबाद के दशहरा मैदान NIT
9 नवंबरः बल्लभगढ़ मंडी से सीकरी के डॉ. एच.एन. अग्रवाल धर्मशाला + ध्रुव गार्डन
10 नवंबरः पृथला के बाघोंला अडानी पेट्रोल पंप से पलवल के गवर्नमेंट हाई स्कूल
11 नवंबरः पलवल के शुगर मिल से मीठा गांव (प्रधान जी की भूमि)
12 नवंबरः होडल मंडी से वनचारी (JBM)
13 नवंबरः कोट-1 बॉर्डर (सेल्स टैक्स) से कोसी मंडी
14 नवंबरः वेकमेट इंडिया कंपनी के सामने से गुप्ता टेंट एंड छाता बिलौठी
15 नवंबरः यादव हरियाणा ढाबा से जैत के राधा गोविंद जी मंदिर
16 नवंबरः छठीकरा के चार धाम से वृंदावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर
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बागेश्वर सरकार ने अपनी पदयात्रा के सात प्रमुख संकल्प घोषित किए हैं। इन संकल्पों में समाज में समरसता स्थापित करना और भारत को गौरवशाली हिंदू राष्ट्र बनाना प्रमुख है। इसके साथ ही माता यमुना को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने, ब्रज धाम क्षेत्र को मांस और मदिरा से पूर्ण रूप से मुक्त करने, गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने और गौ अभयारण्य की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, प्राचीन वृंदावन की पुनः स्थापना कर वहां के मंदिरों और रज को संरक्षित रखने तथा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण का संकल्प भी इस पदयात्रा के उद्देश्यों में शामिल है।