बागेश्वर धाम सरकार की तीसरे दिन की पदयात्रा का सीकरी के एक मैदान में विराम हुआ। लाखों की तादाद में लोग इस पदयात्रा के साक्षी बने। फरीदाबाद से सीकरी के बीच करीब 10 लाख लोग अपनी आंखों से पदयात्रा को निहारते रहे। बागेश्वर महाराज दीन-दुखियों, बिछड़ों - पिछड़ों को गले लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। महाराजश्री का कहना है कि जात-पात को दरकिनार करते हुए सब हिंदुओं को एक होना पड़ेगा तभी हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना साकार होगी। महाराज जी के साथ बद्रीनाथ से आए पूज्य बालक योगेश्वर दास महाराज, महंत राजू दास रामगढ़ी अयोध्या लगातार चल रहे हैं। तीसरे दिन की यात्रा में सुबह से ही अनिरुद्धाचार्य महाराज शामिल हुए। उन्होंने यात्रा में भगवा ध्वज लहराया। इनके अलावा शनि धाम के दाती महाराज और मोनी महाराज सहित अन्य संत गण उपस्थित रहे।
रोज की तरह तीसरे दिन की यात्रा भी राष्ट्रगान और सात शपथ लेने के बाद शुरू हुई। यात्रा जैसे ही बढ़ी वैसे ही बाबा बागेश्वर धीरे-धीरे लोगों को आशीर्वाद देने बुलाने लगे। जिसे भी महाराज श्री का इशारा मिल जाता उसे लगता शायद उसकी कोई लॉटरी लग गई हो। उछल कर महाराज जी तक आने वाले सनातनी आशीर्वाद लेने के साथ ही सेल्फी अवश्य ले रहे हैं। बागेश्वर महाराज इस यात्रा के माध्यम से दीन दुखियों और खुद को पिछड़ा बिछड़ा कहने वाले लोगों से मिलने और उन्हें जानने निकले हैं। महाराज श्री सभी सनातनियों को ऐसे दुलारते हैं जैसे उनका अपना कोई बेटा क्यों न हो। आशा भरी निगाहों के साथ आने वाले लोग महाराज के सान्निध्य में आकर खुद को धन्यवाद देते हैं। तीसरे दिन लाखों की संख्या में सनातनी न केवल पैदल यात्रा में शामिल हुए बल्कि यात्रा के साक्षी भी बने।
हाथ-पैर नहीं मगर हौसले बुलंद है
यात्रा में ऐसे भी यात्री देखने को मिलते हैं जिनके या तो एक हाथ नहीं है या एक पैर नहीं है। ऐसे दिव्यांग अपने हौसलों के बल पर यात्रा में साथ चल रहे हैं। यह दिव्यांग लोगों को प्रेरणा देते हैं कि जिसे भगवान का दिया हुआ पूर्ण शरीर मिला है। फिर भी सनातन के लिए वह घर से निकलने में पीछे दिखाई देता है। बुलंदशहर के रहने वाले मान सिंह लोगों के प्रेरणा स्रोत बने हैं। 20 साल पहले दुर्घटना में पांव गवांने के बाद भी वह महाराज श्री की हर पदयात्रा में आते हैं। एक अन्य 60 वर्षीय वृद्ध चतुर्भुज दाएं हाथ से दिव्यांग हैं मगर वह यात्रा में शामिल होने से खुद को नहीं रोक सका।
एक झलक पाने पेड़ में चढ़ा युवक, बागेश्वर बाबा ने बुलाकर की भेंट
एक युवक आगरा का रहने वाला है। महाराज श्री की एक झलक पाने के लिए वह करीब 20 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया था। बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री केवल वहां रुके बल्कि उसको पेड़ से नीचे उतरवाकर उससे भेंट की और आशीर्वाद दिया। साथ ही उन्होंने सभी लोगों को हिदायत दी कि कोई भी व्यक्ति इस तरह का खतरा बोल न ले, क्योंकि हादसे में कुछ भी हो सकता है। शांति से यात्रा में चले, समय समय पर वे सबसे मिलकर चलते रहेंगे।
सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए सेना के सहयोग की अपील
बागेश्वर महाराज ने आज फिर दोहराया कि सीमा पर जवान और खेत पर किसान ही दो असली हीरो है, बाकी अन्य हीरो सिर्फ दिखावटी है। उन्होंने कहा कि अन्य हीरो भले ही लोगों को प्रेरित करते हो लेकिन किसान और जवान न हो तो न देश की रक्षा हो सकेगी और न ही घर परिवार का भरण पोषण हो सकेगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह सेना का सम्मान करते हुए सेना के लिए सहयोग दें, ताकि आधुनिक हथियार खरीद कर सेना की शक्ति और मजबूत हो सके।
छैना रसगुल्ला और खोया जलेबी के साथ खीर हलवे की रही भरमार
बागेश्वर महाराज सनातन एकता पदयात्रा में चल रहे लोगों के भोजन का विशेष ध्यान दे रहे हैं। दाल, चावल, रोटी, सब्जी जैसा आहार रोज देने के साथ-साथ समय-समय पर छैना रसगुल्ला, जलेबी भी सनातनियों को खिला रहे हैं। दूसरे दिन के दोपहर भोजन में छैना रसगुल्ला वितरित किए गए तो शाम के भाेजन में खोए से बनी जलेबी लोगों को खाने को उपलब्ध कराई गई। बागेश्वर धाम के अन्नपूर्णा प्रभारी अजय गुर्जर ने बताया कि 20 क्विंटल से अधिक खोया जबलपुर से मंगाया गया और इसको बनाने वाले कारीगर भी जबलपुर के ही थे। रविवार रात यात्रा की तीसरी शाम हलवा और खीर के नाम रही। भारी तादाद में लोगों को खीर खिलाई गई वहीं देसी घी से हलवा बनवाया गया। करीब 1000 लीटर दूध से खीर तैयार की गई। सागर के राजा कैटरर बनाने की व्यवस्था देख रहे हैं। लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
51 बुलडोजर से पदयात्रा में हुई पुष्प वर्षा..
जैसे ही तीसरे दिन की यात्रा आगे बढ़ी वैसे ही कुछ दूर बाद 51 जेसीबी से सनातनियों के ऊपर पुष्प वर्षा की गई। करीब 500 मीटर तक सिर्फ जेसीबी रखी दिखाई दे रही थी। भारी भीड़ का बुलडोजर से अभूतपूर्व स्वागत किया गया। आधा घंटे से अधिक समय तक लगातार पुष्प वर्षा होती रही।
रावण ने कहा जय श्री राम, हिंदू राष्ट्र बनाना ही होगा
रावण की पोशाक पहनकर यात्रा में शामिल हुआ एक युवक जय श्री राम के नारे लगाता देखा गया। युवक ने महाराज श्री का आशीर्वाद लिया और कहा बिना राम राज्य के लोगों का कल्याण नहीं होगा। हिंदू राष्ट्र बनाने से ही देश विश्व गुरु बन सकता है। युवक काफी देर तक यात्रा में चला रहा महाराज श्री ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि जब रावण जय श्री राम बोलने लगे तो समझ लीजिए अब हिंदू राष्ट्र बनने में ज्यादा देरी नहीं होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों से ताला लगाकर यात्रा देखने आए लोग..
यूं तो शहर में ऐसा लग रहा था जैसे समूचा शहर यात्रा देखने उमड़ आया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग तालाबंदी करके यात्रा देखने बल्लभगढ़ आ गए थे। कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाने वाला देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग दोनों ओर से लाखों की तादाद में उपस्थित लोगों से भर गया था। कुछ ऐसे भी लोग थे जो 4 घंटे तक खड़ा रहे रहने के बाद भी महाराज श्री को नहीं निहार सके। मीना नाम की महिला ने बताया कि वह सुबह 10 बजे यात्रा देखने आ गई थी लेकिन भीड़ इतनी रही कि जब महाराज श्री आए तो उन्हें धक्का देकर दूर कर दिया गया। जब तक वह संभलती तब तक यात्रा आगे निकल गई थी।
बागेश्वर महाराज की पदयात्रा में मुस्लिम शामिल हुए, बांके बिहारी का चित्र भेंट किया
तृतीय दिवस की पद यात्रा में दशहरा ग्राउंड बल्लभगढ़ के आगे NH पर JCB चौक पर फैज खान के साथ हाथों में तिरंगा झंडा लेकर दर्जनों मुस्लिमों ने बागेश्वर महाराज का स्वागत किया। इस दौरान मुस्लिम समाज द्वारा महाराज जी को बांके बिहारी लाल की फोटो भेंट कर स्वागत किया गया। इस दौरान मुस्लिम सदस्य महाराज जी के साथ सेल्फी लेते रहे। सभी मुस्लिम समाज के सदस्यों ने महाराज श्री को भगवा टोपी पहनाई और आशीर्वाद प्राप्त लिया और ग्रुप फोटो खिंचवाई।

बाबा बागेश्वर की सनातन हिंदू एकता यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने रावण बने कलाकार से बात की।
यात्रा के दौरान अनिरुद्धाचार्य महाराज भी साथ नजर आए।