धार जिले के धामनोद में आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर भारतीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले सोमवार सुबह 5 बजे से शुरू हुआ धरना और चक्काजाम रात करीब नौ बजे 16 घंटे बाद खत्म हो गया। धार जिला प्रशासन की समझाइश पर किसान मान गए।
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कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने उनसे कहा कि वे उनकी मांगें केंद्र व राज्य सरकार तक पहुंचाएंगे और उनका हल निकाला जाएगा। इसके बाद किसान नेता मान गए और चक्काजाम खत्म कर दिया गया। धार जिला प्रशासन और भारतीय किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारी के बीच धार के आईटीआई कॉलेज में एक अहम बैठक हुई। इसमें किसानों के तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय भारतीय किसान मजदूर महासंघ मालवा के प्रांत मंत्री रामेश्वर गुर्जर ने बताया कि कलेक्टर धार मिश्रा के साथ हुई बैठक में हमने फिलहाल आंदोलन स्थगित किया है।
चक्काजाम समाधान नहीं : कलेक्टर
वहीं, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि किसान संघ के पदाधिकारी के साथ बैठक में उनसे आग्रह किया कि सड़क पर जाम की स्थिति निर्मित नहीं होना चाहिए। चक्का जाम किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। किसानों की मांगें राज्य शासन और केंद्र शासन तक पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि कानून व्यवस्था को जो हाथ में लेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर किसी भी प्रकार की कड़ी कार्रवाई नहीं की है। हमें उकसाने की भी कोशिश की गई, लेकिन फिर भी हमारे द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, लेकिन हम चाहते हैं कि चक्काजाम जल्द खत्म किया जाए।
एक प्रतिनिधि मंडल जाएगा दिल्ली
बैठक में किसान संघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगें जिला प्रशासन के सामने रखीं और कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन का वाचन किया। इसके बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएंगी। इसके साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री व धार की सांसद सावित्री ठाकुर के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के सामने अपनी बात रखेगा। इस आश्वासन के बाद किसान संघ ने धरना-प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की।
खलघाट नाके पर किया था चक्काजाम
प्रदेश के छह जिलों के किसान इस आंदोलन में भाग ले रहे थे। ये एमएसपी गारंटी कानून, जमीन का ठीक मुआवजा नहीं मिलने सहित अन्य मांगों को लेकर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के खलघाट नाके पर चक्काजाम कर रहे थे। अलग-अलग गांवों के किसान ट्रैक्टर लेकर आए और सड़क पर खड़े कर दिए थे। किसानों के आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र और गुजरात की तरफ आने वाले वाहनों को मंडलेश्वर-बड़वाह मार्ग की तरफ मोड़ा था। छोटे वाहन मंडलेश्वर से जाम गेट होते हुए इंदौर की तरफ आए।
मुंबई, नासिक से आ रहे वाहन डायवर्ट
चक्काजाम के कारण पुणे, मुंबई, नासिक की तरफ से आने वाली बसें और ट्रक एबी रोड से इंदौर नहीं पहुंच पा रहे थे। इसके अलावा गुजरात के छोटा उदयपुर, चांदपुर की तरफ से भी वाहन खलघाट, धामनोद होते हुए इंदौर की तरफ आते हैं, पुलिस ने इन वाहनों को दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया था। महेश्वर से धामनोद जाने वाले ट्रैफिक को रोक दिया गया था। उन्हें कसरावद की तरफ भेजा गया। कई वाहन कसरावद, खरगोन, खंडवा होते हुए इंदौर रवाना किए गए।