देश के 12 राज्यों सहित पूरे मध्यप्रदेश में इस समय इलेक्शन कमीशन के द्वारा चलाये जा रहे SIR का काम जारी है। जिला प्रशासन को इस कार्य की विशेष निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके चलते इस काम में बड़ी संख्या में प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। वोटर लिस्ट के गहन पुनिरीक्षण के इस कार्य में जमीनी कार्य बीएलओ के द्वारा किया जाना है, जोकि प्रत्येक वोटर का घर-घर जाकर सत्यापन करने का काम करेंगे।
हालांकि प्रदेश के खंडवा जिले में इस काम में भारी लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां के कई बूथों पर बीएलओ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या स्कूली शिक्षकों को बनाया गया है, जोकि घर जाकर फॉर्म बांटने या सत्यापन करने की जगह अपने अपने आंगनबाड़ी भवनों या स्कूल के कमरों में ही बैठ कर पहले तो मतदाताओं को फोन कर फॉर्म लेने बुला रहे हैं, जिसके बाद फॉर्म के बंडल उन्हें ही पकड़ाकर उनसे ही अपने-अपने फॉर्म ढूंढ़वाये जा रहे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग कमरों में इन फॉर्म के बंडल को फैलाकर बैठे रहे हैं और उनमें अपने और परिवार के फॉर्म तलाश कर रहे हैं।
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यही नहीं, इस दौरान कई लोगों का आरोप है कि उनके फॉर्म नहीं मिल रहे, क्योंकि बंडल लोगों ने फैला दिए हैं और ढूंढने के दौरान फॉर्म फाड़ भी दिए हैं। साथ ही ऐसे में किसी का भी फॉर्म कोई अन्य व्यक्ति भी आसानी से ले जा सकता है, जिसकी ऐसे में कोई निगरानी नही हो रही। वहीं यहां मौजूद शेख समीर ने बताया कि हमारे घर के कागज हमे नहीं मिल रहे, जिसके हाथ जो लग रहा वो वही ले जा रहा है। लोगों के हाथों में फॉर्म दे दिए हैं, जोकि अब फॉर्म ढूंढने में फाड़ भी रहे हैं।
इधर, यहां मौजूद बीएलओ समीना का कहना था कि हम तो फॉर्म घर जाकर ही देने का कह रहे हैं, लेकिन लोगों ने यहां आकर भीड़ लगा ली है। इसके साथ ही एक अन्य बीएलओ का कहना था कि हम दूसरे क्षेत्र के हैं और हमे निर्वाचन आयोग ने इस क्षेत्र का बीएलओ बना दिया है। हमारे पास यहां के कोई स्थानीय लोग सहयोगी के रूप में होना चाहिए। जिससे सही व्यक्ति के पास सही फॉर्म पहुंच सके। इसी समस्या के समाधान के लिए हमने लोगों को यहां बुलाया, की आप आइए अपने परिवार के फॉर्म छांटिए, और उनका बंडल बनाइए, जिसके बाद हम उन फॉर्म को उनके घर जाकर देकर आएंगे।