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Khargone: 12 किमी पैदल चलकर शिकायत करने पहुंचे बच्चे, गणतंत्र दिवस का समारोह छोड़ पहुंचे अधिकारी; जानें मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sun, 26 Jan 2025 01:36 PM IST
देशभर में जहां एक तरफ रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस को मनाने स्थानीय प्रशासन का अमला जुटा हुआ था। इसी बीच मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर अचानक मिली एक खबर से प्रशासनिक अमल में हड़कंप मच गया। जिसके बाद जिले के आला अधिकारी इस कार्यक्रम को छोड़ तुरंत जिला कलेक्टर कार्यालय की तरफ दौड़ पड़े। दरअसल यहां एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल, मेंनगाव के सैंकड़ों छात्र छात्राएं करीब 12 किलोमीटर पैदल चलकर जिला कलेक्टर को स्कूल प्रिंसिपल की शिकायत करने पहुंचे थे।
ये छात्र छात्रा एक बड़ी रैली के रूप में खरगोन कलेक्टर आफिस पहुंचे थे। जिसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के आला अधिकारी और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बच्चों को रास्ते में ही रोककर समझाने की कोशिश जरूर की थी, लेकिन वे इसमें नाकामयाब रहे थे। जिसके बाद सभी अधिकारियों को भी गणतंत्र दिवस का मुख्य समरोह छोड़ कलेक्टर ऑफिस पहुंचना पड़ा।
कलेक्टर कार्यालय में जिला प्रशासन के सामने गुहार लागते हुए छात्रों ने कहा कि प्रिंसिपल के द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। यही नहीं, प्रिंसिपल के द्वारा अवैध रूप से 500 रूपये भी वसूले जाते हैं। साथ ही इस समय एग्जाम का समय पास आ जाने के बावजूद अभी तक उन्हें किताबें और स्टेशनरी नहीं दी गई है। जिसको लेकर कई बार उन्होंने एसी प्रशांत आर्य को शिकायत भी की। साथ ही इसके पहले 3 बार वे लोग पैदल अपनी शिकायत लेकर यहां भी पहुंचे थे, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान बच्चों ने अवैध वसूली के सबूत भी दिखाए। जिसके बाद खरगोन कलेक्टर ने बच्चों की शिकायत पर प्रिंसिपल परवीण दहिया को तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए आदिवासी विकास विभाग मे अटैच करने का आदेश जारी कर दिया है।
प्रिंसिपल कर रही थीं बच्चों को प्रताड़ित
वहीं इस दौरान कुछ बच्चों के पालक भी उनके साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। यहां पहुंचे एक बच्चे के परिजन मोहन किराड़े ने बताया कि यहां तक बच्चे पैदल आ रहे थे। जिसमें उनका कक्षा 11 में पढ़ने वाला भतीजा भी शामिल था। जिसकी जानकारी उन्हें मोबाइल पर लगते ही, वे भी उन लोगों के साथ यहां तक आ गए। पिछले दिनों भी जब ये बच्चे कलेक्टर कार्यालय मिलने आए थे, तब वापसी के बाद प्रिंसिपल इस बात से बेहद नाराज थीं। इसको लेकर भी लगातार बच्चों को मानसिक और जातिगत रूप से प्रताड़ित कर रही थीं। इसलिए बच्चे आज फिर से प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। उनकी यही मांग थी की प्रिंसिपल को वहां से हटाया जाए, क्योंकि वह बच्चों को लगातार प्रताड़ित कर रही हैं।
बच्चों की शिकायत पर प्रिंसिपल को हटाया
इधर, इस मामले में अपर कलेक्टर खरगोन, रेखा राठौड़ ने बताया कि यहां पहुंचे बच्चों से जब उन्होंने बात की, और उनकी समस्याएं सुनीं, तो उसमें मुख्य रूप से प्रिंसिपल को हटाने की उनकी मांग थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से, प्रिंसिपल को हटा दिया गया है। साथ ही एक टीम का भी गठन किया गया है, जो बच्चों की समस्याएं सुनकर उस पर जांच करते हुए आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं बच्चों के एग्जाम पास में आने के बावजूद उन्हें अब तक किताबें न मिलने के आरोपों पर भी उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच कार्रवाई जा रही है। जिसके बाद ही इसकी सच्चाई सामने आ पाएगी।
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