अलवर की पॉक्सो कोर्ट संख्या दो ने एक बेहद संवेदनशील मामले में फैसला सुनाते हुए दोषी मौलवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना राजगढ़ थाना क्षेत्र की है, जहां पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था। न्यायाधीश ने फैसले में इस कृत्य को मानवता के लिए कलंक बताया और कड़ी सजा सुनिश्चित की।
जानकारी के मुताबिक, मामला 22 सितंबर 2024 का है, जब बच्ची राजगढ़ क्षेत्र में खेल रही थी। आरोपी मौलवी असजद ने उसे खाने की चीज देने के बहाने मस्जिद में ले जाकर उससे दुष्कर्म किया। संयोगवश उसी समय बच्ची की मां उसे ढूंढते हुए मस्जिद पहुंच गई, जिसे देखकर मौलवी भाग खड़ा हुआ। बच्ची के पिता ने उसी दिन राजगढ़ पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया। दुष्कर्म के कारण बच्ची की हालत गंभीर हो गई और उसे अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती कराया गया।
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कोर्ट ने बच्ची को घटना के संबंध में कई बार गवाही के लिए बुलाया, लेकिन ट्रॉमा में होने के कारण उसे दो-तीन बार बुलाने पर मुश्किल से लाया जा सका। आखिरकार बच्ची ने अपने बयान दर्ज कराए। डॉक्टर की रिपोर्ट और बच्ची के बयानों के आधार पर कोर्ट ने मौलवी असजद को दुष्कर्म का दोषी ठहराया। न्यायाधीश शिल्पा समीर ने फैसले में इस घटना को इंसानियत को शर्मसार करने वाला बताया। अभियोजन पक्ष की पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक प्रशांत यादव ने की।
न्यायाधीश ने आरोपी को जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई, जिसका मतलब है कि वह जेल में आजीवन रहेगा। साथ ही छह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला पॉक्सो कोर्ट संख्या दो में सुनाया गया, जो बच्ची के साथ हुई दरिंदगी को देखते हुए कड़ा माना जा रहा है।
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