जोधपुर के कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में वकील भरतसिंह राठौड़ के साथ धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार का मामला तूल पकड़ गया है। मंगलवार सुबह राजस्थान हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश, डीसीपी, एसीपी और SHO हमीरसिंह को तलब किया।
कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा के सामने थाने में हुए पूरे घटनाक्रम का वीडियो चलाया गया। वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को व्यवहार, वार्तालाप और संवाद कौशल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। कोर्ट ने सभी पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग देने के निर्देश भी दिए।
IPS अधिकारी करेंगे जांच
पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच एक आईपीएस रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। SHO हमीरसिंह को निलंबित कर दिया गया है, जबकि अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को थाने से हटाया जा रहा है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
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कैसे भड़का विवाद
जानकारी के अनुसार, थाने में बिना यूनिफॉर्म एक पुलिसकर्मी बयान लेने लगा, जिस पर वकील भरतसिंह राठौड़ ने आपत्ति जताई। इसी बात पर SHO हमीरसिंह कथित रूप से भड़क गए और धमकी दी कि वकील हो तो क्या हुआ, अभी 151 में बंद कर दूंगा, सारी वकालत निकल जाएगी। इस दौरान वकील का कोट भी फाड़ दिया गया। घटना के बाद बड़ी संख्या में वकील देर रात तक थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे। मंगलवार को भी वकीलों का विरोध जारी है।
हाईकोर्ट की वकील ने लगाए गंभीर आरोप
राजस्थान हाईकोर्ट की वकील अद्वैता शर्मा ने कहा कि वकील भरतसिंह राठौड़ अपनी वकील पत्नी के साथ एक कानूनी काम से थाने गए थे। दोनों सम्मानपूर्वक बात कर रहे थे, इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज की और 151 में बंद करने की धमकी दी। अद्वैता शर्मा ने सवाल उठाया कि जब एक वकील के साथ ऐसा हो रहा है, तो आम महिला या आम नागरिक के साथ क्या होगा?