राजस्थान के कोटा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां गरीबी से परेशान एक मां ने अपनी 6 माह की बच्ची को बेचने की कोशिश की। यह घटना कोटा संभाग के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल परिसर की बताई जा रही है। मामला सामने आने के बाद चाइल्डलाइन की टीम ने मौके पर पहुंचकर महिला से पूछताछ की और पूरे मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति (CWC) को दी।
इसके बाद महिला और उसकी बच्ची को शेल्टर होम में अस्थायी रूप से आश्रय दिलवाया गया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक महिला अपनी बच्ची को 2 हजार रुपए में बेचने की कोशिश कर रही है। टीम को जब मौके पर भेजा गया तो पता चला कि महिला चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा की निवासी है। वह अपने पति को खोजते हुए कोटा पहुंची थी।
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महिला ने बताया कि वह आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है और अपनी 6 माह की बेटी की परवरिश करने में सक्षम नहीं है, इसलिए मजबूरी में बच्ची को बेचने की कोशिश की। इस पर टीम ने महिला और बच्ची दोनों को जेके लोन अस्पताल परिसर से रेस्क्यू कर लिया। अधिकारियों के अनुसार, मां और बच्ची की स्थिति चिंताजनक है, इसलिए उन्हें फिलहाल शेल्टर होम में सुरक्षित रखा गया है। टीम अब महिला के परिजनों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
अगर बच्ची को किसी तरह के इलाज की जरूरत होगी तो वह भी अस्पताल प्रशासन और चाइल्डलाइन की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। परिजनों से संपर्क होने के बाद स्थिति को समझाया जाएगा और उनकी सहमति मिलने पर ही मां और बच्ची को उनके सुपुर्द किया जाएगा। बाल कल्याण समिति ने इस घटना के माध्यम से समाज के लोगों से अपील की है कि जो महिलाएं आर्थिक स्थिति या अन्य कारणों से नवजात शिशुओं की देखभाल नहीं कर सकतीं, वे बच्चों को कहीं फेंकने या छोड़ने की बजाय पालना गृह में छोड़ जाएं। समिति ने कहा कि ऐसा करने से बच्चों की जिंदगी सुरक्षित की जा सकती है और उन्हें नया भविष्य मिल सकता है।