बात साल 2005 की है जब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के बीच खींचातानी चल रही थी। एक तरफ उमा भारती एक बार फिर सीएम की कुर्सी चाहती थीं तो दूसरी तरफ बाबू लाल गौर कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थी। इसी बीच पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान पर दांव खेला और शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके को ऐसा लपका की मध्यप्रदेश में सीएम की कुर्सी पर सवार होने के मामले में रिकॉर्ड ही बना लिया।