क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। जल्द ही तैयार किया गया बिल शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। जल्द ही तैयार किया गया बिल शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है। सरकार इसके लिए कानून लाने की योजना बना रही है। इसके तहत बिना वारंट गिरफ्तारी का प्रावधान और डेढ़ साल तक की सजा हो सकती है। सरकार जो कानून बनाने जा रही है उसमें डेढ़ साल की जेल के अलावा 20 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना भी लग सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि जुर्माना और सजा के अलावा क्रिप्टो के अंधाधुंध विज्ञापनों पर भी लगाम लगेगी। इन पर रोक लगाने की तैयारी कर ली गई है। क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर रोक इस वजह से लगाई जा सकती है, क्योंकि इससे निवेशकों को गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायतें मिली हैं। सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल पेश कर सकती है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया जा सकता है। मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि क्रिप्टो की खरीद-बिक्री, जमा या होल्ड का काम सिर्फ एक्सचेंज से होगा। नियम तोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी। क्रिप्टोकरेंसी होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध संभव है। करीब दो करोड़ भारतीयों ने अनुमानित क्रिप्टो में 45 हजार करोड़ का निवेश किया है। देश में क्रिप्टोकरेंसी का आधार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो एक्सचेंज की निगरानी का जिम्मा सौंपा जाएगा। देश में क्रिप्टोकरेंसी का आधार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो एक्सचेंज की निगरानी का जिम्मा सौंपा जाएगा।