साल में सिर्फ एक बार रक्षाबंधन के दिन खुलता है यह मंदिर, रोचक है इसकी कहानी
अमर उजाला
Sun, 27 August 2023
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भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जो साल में केवल एक दिन रक्षाबंधन को ही खुलता है। इस दिन बहनें यहां भगवान विष्णु को राखी बांधने जाती हैं।
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यह मंदिर है उत्तराखंड के चमोली जिले में उर्गम घाटी के सुदूर बुग्याल क्षेत्र में स्थित वंशीनारायण मंदिर। यह मंदिर समुद्र तल से 12000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान नारायण की चतुर्भुज मूर्ति स्थापित है।
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इस मंदिर में विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। रक्षाबंधन के दिन किमाणा, डुमक, कलगोठ, जखोला, पल्ला और उर्गम घाटी के ग्रामीण यहां उत्सव का आयोजन करते हैं।
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मान्यता है कि देवताओं के आग्रह पर भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर दानवीर राजा बलि का घमंड चूर किया था। इसके बाद राजा बलि ने पाताल लोक में जाकर विष्णु भगवान की कठोर तपस्या की।
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प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें अपने सामने रहने का वचन दिया। इस पर पाताल लोक में भगवान नारायण राजा बलि के द्वारपाल बन गए।
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तब पति को मुक्त करने के लिए माता लक्ष्मी पाताल लोक जाकर राजा बलि के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भगवान विष्णु को द्वारपाल से मुक्त करने का वचन मांगती हैं। तब राजा बलि ने उन्हें द्वारपाल से मुक्त कर दिया था।
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मान्यता है कि पाताल लोक से भगवान विष्णु इसी क्षेत्र में प्रकट हुए थे। इसलिए इस गांव में महिलाएं भगवान विष्णु को अपना भाई मानती हैं और रक्षाबंधन के दिन यहां जाती हैं।
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