इस मंदिर में तीन युगों से जल रही शिव-पार्वती के मिलन की साक्षी अखंड ज्योति
अमर उजाला
Fri, 14 July 2023
Image Credit : सोशल मीडिया
आज आपको हम ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का साक्षी है। शिवरात्रि पर यहां भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती है।
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त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लाक में स्थित है। कहा जाता है कि इसी मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती ने पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था।
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भगवान विष्णु को साक्षी मानकर त्रियुगीनारायण में भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था। इस विवाह की साक्षी तीन युगों से जल रही अखंड ज्योति मौजूद है जिसे सप्तवेदी भी कहा जाता है। यह ज्योति कभी भी शांत(बुझती)नहीं होती है।
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यहां मंदिर बना तो लोगों में इस पवित्र स्थल पर अखंड ज्योति को साक्षी मानकर विवाह करने का क्रेज बढ़ा। इस मंदिर में भगवान नारायण भूदेवी व देवी लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं।
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अखंड धूनी को साक्षी मानकर गृहस्थ जीवन शुरू करने के लिए यहां दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत अन्य बाहरी राज्यों व विदेश से भी युवा जोड़े बड़ी संख्या में आते हैं।
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त्रियुगीनारायण मंदिर सड़क मार्ग से जुड़ा है। यहां आने के लिए ऋषिकेश से 175 किमी की दूरी तय कर सोनप्रयाग पहुंचा जाता है। यहां से 12 किमी की दूरी पर त्रियुगीनारायण मंदिर है।
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