स्वाद ही नहीं सेहत के लिए भी 'संजीवनी' है ये पहाड़ी फलों का राजा उत्तराखंडी फल काफल खट्टे और मीठे स्वाद और रस से भरपूर ही नहीं सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे पहाड़ी फलों का राजा भी कहा जाता है। काफल का वानस्पतिक नाम मेरिका एस्कुलाटा है। यह बैशाख माह में पकने वाला फल है। काफल मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। इस पर काफल गुच्छों के रूप में लगता है। अप्रैल माह के आखिर में यह फल पककर तैयार हो जाता है। तब इसका रंग बेहद लाल होता है। गर्मियों में इस फल को खूब खाया जाता है। काफल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसे खाने से पेट के कई प्रकार के विकार दूर होते हैं। इसकी छाल के सार से अस्थमा, डायरिया, बुखार, टाइफाइड, पेचिस बीमारी काफी हद तक कंट्रोल होती है। यह एक एंटी-एलर्जी दवा के रूप में भी काम आता है। साथ ही इसकी छाल का प्रयोग चर्म रोग दूर करने में भी होता है। .