उत्तराखंड की इस खास कला की चित्रकारी से सजी भारत के नए संसद भवन की दीवारें
अमर उजाला
Wed, 7 June 2023
Image Credit : अमर उजाला
भारत के नए संसद भवन में उत्तराखंड के कुमाऊं की ऐपण कला को स्थान दिया गया है। अब देशभर के सांसद उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोककला को देखेंगे और इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे।
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इस कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहीं मुक्तेश्वर की हेमलता कबडवाल और दून के चंदरनगर निवासी सोनम वर्मा ने भारत के विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों के साथ मिलकर संसद भवन के लिए लक्ष्मी चौकी की पेंटिंग बनाई है।
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ऐपण उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला है। यह दिखने में रंगोली की तरह होती है। ऐपण चित्रकला उत्तराखंड के घर-घर में मुख्य रूप से दीपावली के अवसर पर तैयार की जाती है।
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नए संसद भवन में प्रदर्शित इस पेंटिंग को कला दीर्घा के तहत पीपल्स वॉल में जन-जननी-जन्मभूमि थीम पर तैयार किया गया है। 80 फीट की यह पेंटिंग विश्व की अब तक की सबसे लंबी पेंटिंग में शामिल है।
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हैंडमेड पेपर के 80 फीट लंबे पैनल पर सभी कलाकारों ने अपनी लोककला को उकेरा। कलाकारों को उनके क्षेत्र से जुड़े उत्सव, पर्व और मेलों पर आधारित चीजें बनानी थी।
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पेंटिंग का निर्माण बिहार में किया गया। जनवरी में सभी प्रदेशों के लोक कलाकार वहां एकत्रित हुए और सात दिन की अवधि में प्रोजेक्ट को मूर्त रूप दिया।
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पेंटिंग में ऐपण बनाने के लिए पेंट की जगह गेरू और बिस्वार का उपयोग किया है। इसमें बबूल के गोंद से वार्निशिंग की गई है, जिससे पेंटिंग की टिकाऊ क्षमता में वृद्धि हुई है।